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🇮🇳 PM-Ayushman Bharat Health Mission Day:भारत की स्वास्थ्य सुरक्षा का नया युग

प्रकाशित तिथि: 17 अक्टूबर 20255 min read
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कोविड-19 महामारी ने हमें सिखाया कि किसी देश की असली ताकत सिर्फ उसकी अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि उसकी स्वास्थ्य व्यवस्था होती है।

भारत में लंबे समय से स्वास्थ्य ढांचा असमान रहा है — गाँवों में अस्पतालों और प्रशिक्षित डॉक्टरों की कमी, शहरों में ओवरलोडेड मेडिकल सिस्टम और सीमित प्रयोगशालाएँ।

👉 नीति आयोग की रिपोर्ट (2023) के अनुसार, भारत में लगभग 65% आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, परंतु अस्पताल बेड और सुविधाएँ अभी भी ज्यादातर शहरी इलाकों में केंद्रित हैं।
इसी असमानता को दूर करने के लिए 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने PM-Ayushman Bharat Health Infrastructure Mission (PM-ABHIM) की घोषणा की।

इस मिशन का लक्ष्य है —

“हर जिले में सशक्त स्वास्थ्य प्रणाली बनाना, ताकि कोई नागरिक इलाज के अभाव में अपनी जान न खोए।”

🏗️ 1️⃣ मिशन की शुरुआत और उद्देश्य

  • शुभारंभ: 25 अक्टूबर 2021 को प्रधानमंत्री द्वारा किया गया।

  • कुल बजट: लगभग ₹64,180 करोड़ (2021-22 से 2025-26 तक)।

  • लक्ष्य: देश के हर ब्लॉक और जिले में आधुनिक स्वास्थ्य केंद्र और रोग नियंत्रण तंत्र विकसित करना।

🎯 मुख्य उद्देश्य

  1. स्वास्थ्य अवसंरचना का विस्तार: ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में “आयुष्मान आरोग्य मंदिर (Ayushman Arogya Mandir)” की स्थापना।

  2. रोग निगरानी प्रणाली: हर जिले में “इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब” ताकि संक्रमणों की पहचान तेजी से हो सके।

  3. क्रिटिकल केयर ब्लॉक्स (ICU): गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए हर जिला अस्पताल में ICU जैसी सुविधाएँ।

  4. डिजिटल हेल्थ नेटवर्क: मरीजों के हेल्थ रिकॉर्ड्स को जोड़ने के लिए राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य प्लेटफॉर्म।

  5. आपदा तैयारियाँ: किसी भी महामारी या बायोलॉजिकल संकट के दौरान आपात प्रतिक्रिया तंत्र को सक्षम बनाना।

💬 स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, यह योजना “भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में अब तक का सबसे बड़ा निवेश” है।

🧱 2️⃣ इसे कैसे बनाया जा रहा है

मिशन को तीन स्तरों पर लागू किया जा रहा है:

🔹 (A) जिला और ब्लॉक स्तर

  • हर जिले में क्रिटिकल केयर यूनिट्स (ICUs) और ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट्स (BPHUs) बनाई जा रही हैं।

  • 744 जिलों में प्रयोगशालाएँ और 2,000+ ब्लॉक यूनिट्स निर्माणाधीन हैं।

  • हर जिले में एकीकृत रोग निगरानी केंद्र (IPHL) की स्थापना की जा रही है ताकि वायरस या संक्रमण की प्रारंभिक पहचान हो सके।

🔹 (B) प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

  • जहाँ पहले भवन नहीं थे, वहाँ 10,000+ नई इमारतें बनाई जा रही हैं।

  • इन्हें “आयुष्मान आरोग्य मंदिर” नाम दिया गया है — यहाँ OPD, दवा वितरण, टीकाकरण और प्राथमिक जाँच की सुविधाएँ होंगी।

🔹 (C) डिजिटल और प्रशिक्षण ढाँचा

  • स्वास्थ्य कर्मियों को आधुनिक उपकरणों और डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।

  • एक Progress Monitoring System (PMS) विकसित किया गया है, जिससे हर राज्य की प्रगति को मॉनिटर किया जा सके।

💡 मिशन के लिए केंद्र ने अब तक ₹33,081 करोड़ राज्यों को आवंटित किए हैं।

👨‍⚕️ 3️⃣ कौन-कौन लाभ ले सकता है

लाभार्थी वर्ग

लाभ का स्वरूप

विवरण

👩‍🌾 आम नागरिक

नज़दीकी में बेहतर इलाज

गाँव या शहर में आधुनिक स्वास्थ्य केंद्र से मुफ्त या सस्ता इलाज।

🩺 स्वास्थ्य कर्मी

रोजगार और ट्रेनिंग

नई लैब्स, ICU यूनिट्स और हेल्थ सेंटर्स में नई भर्तियाँ।

🏛️ राज्य सरकारें

इंफ्रास्ट्रक्चर सहायता

केंद्र से फंड, उपकरण और तकनीकी सपोर्ट।

🔬 संस्थान व रिसर्चर

अनुसंधान अवसर

नए सार्वजनिक स्वास्थ्य लैब्स में साझेदारी और डेटा एक्सेस।

💬 स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुमान के अनुसार, इस मिशन से प्रत्यक्ष रूप से 10 लाख से अधिक लोगों को रोजगार और प्रशिक्षण के अवसर मिलेंगे।

💰 4️⃣ कितना मिलेगा लाभ — और कहाँ

  • अब तक लगभग ₹33,081 करोड़ राज्यों/UTs को दिए जा चुके हैं।

  • उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा और पूर्वोत्तर राज्यों को प्राथमिकता दी गई है।

  • हर जिले में कम से कम एक क्रिटिकल केयर यूनिट, एक IPHL, और कई आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनने हैं।

  • लक्ष्य: 2025-26 तक सभी जिलों में पूर्ण क्रियान्वयन।

📊 AIIMS और WHO के संयुक्त विश्लेषण के अनुसार, यह योजना भारत की “Health Security Preparedness Index” को दोगुना बढ़ा सकती है।

🌍 5️⃣ इस मिशन का असर

स्वास्थ्य आपदा तैयारी में सुधार — अब किसी भी महामारी की शुरुआती पहचान और नियंत्रण संभव।
रोग निगरानी तंत्र मज़बूत — हर राज्य में प्रयोगशालाएँ संक्रमणों की जाँच करेंगी।
रोजगार सृजन — हजारों डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन और नर्सों को नए अवसर।
ग्रामीण स्वास्थ्य में क्रांति — अब गाँवों में भी शहरी स्तर की मेडिकल सुविधाएँ।
डिजिटल स्वास्थ्य क्रांति — मरीजों का डेटा, इलाज और दवाएँ ऑनलाइन ट्रैक होंगी।

💬 प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था:

“यह मिशन सिर्फ अस्पतालों का निर्माण नहीं, बल्कि एक स्वस्थ और आत्मनिर्भर भारत की नींव है।” 🇮🇳

❓ FAQs

Q1. क्या PM-ABHIM योजना के तहत इलाज मुफ्त होगा?
👉 हाँ, प्राथमिक और ब्लॉक स्तर के केंद्रों पर जाँच और दवाएँ निशुल्क होंगी।

Q2. क्या निजी अस्पताल भी इसमें जुड़ सकते हैं?
👉 हाँ, PPP मॉडल के तहत निजी संस्थानों की भागीदारी भी संभव है।

Q3. ग्रामीण क्षेत्रों को कितना लाभ होगा?
👉 सबसे ज़्यादा। ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों को प्राथमिकता दी गई है।

Q4. क्या यह योजना सभी राज्यों में लागू है?
👉 हाँ, सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में यह योजना चरणबद्ध रूप से लागू है।

Q5. इस योजना का उद्देश्य क्या है?
👉 भारत में स्वास्थ्य ढांचे को आधुनिक, मजबूत और आत्मनिर्भर बनाना।

🔚 निष्कर्ष

PM-Ayushman Bharat Health Infrastructure Mission केवल एक सरकारी योजना नहीं यह भारत की स्वास्थ्य स्वतंत्रता की दिशा में ऐतिहासिक परिवर्तन है।
आज जब दुनिया स्वास्थ्य आपदाओं से जूझ रही है, भारत इस मिशन के माध्यम से अपने हर नागरिक को सुरक्षा कवच देने की ओर अग्रसर है। यह मिशन आने वाले वर्षों में भारत को “Global Health Leader” के रूप में स्थापित कर सकता है।

स्वस्थ नागरिक ही सशक्त राष्ट्र बनाते हैं और यही इस मिशन का सच्चा सार है।

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PM-ABHIM Day: लाभ, प्रक्रिया एवं उपलब्धियाँ