अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस 2025: पुरुषों के स्वास्थ्य और मानसिक खुशहाली गाइड

अंतिम अपडेट: 11 नवंबर 202517 min read
Happy International Men's Day😍 BMI कैलकुलेटर से अपना बॉडी मास इंडेक्स जानें - Click Here 👈

हर साल 19 नवंबर को दुनिया मनाती है अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस — लेकिन क्या आप जानते हैं, भारत में पुरुषों की 72.5% आत्महत्याएँ होती हैं, फिर भी 40% पुरुष अपनी भावनाओं के बारे में किसी से बात नहीं करते?

यह आंकड़ा गंभीर है। लेकिन यहाँ कुछ अच्छी खबर है — इस दिवस को ठीक तरीके से समझ लें, तो आप न केवल अपने स्वास्थ्य में सुधार ला सकते हैं, बल्कि अपने परिवार और समाज में भी सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस केवल एक कैलेंडर तारीख नहीं है — यह एक मूल्यवान अनुस्मारक है कि हमारे पुरुषों को शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक देखभाल की तत्काल जरूरत है। इस लेख में, हम गहराई से जानेंगे कि भारतीय पुरुषों को क्या चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और कैसे हम एक स्वस्थ, अधिक संतुलित जीवन की ओर बढ़ सकते हैं।

📌 इस लेख में आप जानेंगे:

✅ अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का इतिहास, थीम 2025 और भारत में इसका महत्व
✅ भारतीय पुरुषों के सामने सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियाँ — विस्तृत डेटा के साथ
✅ आत्महत्या और मानसिक स्वास्थ्य संकट: क्यों पुरुष बातचीत नहीं करते?
✅ कार्यस्थल तनाव, बर्नआउट और उनसे बचने के तरीके
✅ हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर — जोखिम और रोकथाम
✅ प्रोस्टेट कैंसर, PSA टेस्ट और शीघ्र पहचान कितनी महत्वपूर्ण है
✅ पुरुष बांझपन: कारण और आधुनिक समाधान
✅ व्यायाम, पोषण, और जीवनशैली में क्या बदलाव करें
✅ तुरंत कार्यान्वयन के लिए 15 व्यावहारिक टिप्स
✅ अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस को सार्थक तरीके से कैसे मनाएँ

19 नवंबर — अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस: इतिहास, थीम और महत्व

Happy International Men's Day 2025

अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस की शुरुआत

साल 1999 में, ट्रिनिदाद और टोबैगो के इतिहासकार और शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. जेरोम टीलकसिंह ने यह दिवस अपने पिता को सम्मानित करने के लिए शुरू किया था। उनके पिता का जन्मदिन 19 नवंबर था, और डॉक्टर टीलकसिंह चाहते थे कि एक ऐसा दिन हो जब समाज पुरुषों के सकारात्मक योगदान को स्वीकार करे और उनकी चुनौतियों को गंभीरता से लें।

मूल उद्देश्य: "मर्दानगी को सकारात्मक तरीके से परिभाषित करना, पुरुषों और लड़कों के स्वास्थ्य की बातचीत को सामने लाना, और एक ऐसी संस्कृति बनाना जहाँ पुरुष अपनी कमजोरियों को स्वीकार कर सकें और मदद माँग सकें।"

आज, यह दिवस 80+ देशों में मनाया जाता है, और भारत में इसे सबसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।

2025 की थीम: "Celebrating Men and Boys"

2025 की थीम"Celebrating Men and Boys" — पुरुषों और लड़कों के समग्र विकास पर केंद्रित है। यह थीम कहती है कि हमें न केवल बड़े पुरुषों बल्कि युवा लड़कों की भी देखभाल करनी चाहिए, उन्हें स्वस्थ मानसिकता विकसित करने में मदद करनी चाहिए, और उन्हें यह सिखाना चाहिए कि भावनाएँ दिखाना कमजोरी नहीं है।

भारत में इस दिवस का विशेष महत्व

भारत में, अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का महत्व अन्य किसी भी देश से कहीं अधिक है। यहाँ के पुरुषों को न केवल शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है, बल्कि एक "छद्म पितृसत्तात्मक संस्कृति" भी उन्हें भावनाओं को छुपाने के लिए मजबूर करती है।

भारतीय पुरुषों को अक्सर सुनना पड़ता है:

  • "बस सब कुछ सहन कर जाओ"

  • "मर्द को रोना नहीं चाहिए"

  • "अपनी समस्याएँ घर से बाहर न निकालो"

यही सांस्कृतिक दबाव है जो पुरुषों को आत्मनिर्भर तो बनाता है, लेकिन मानसिक रूप से अकेला भी बना देता है।

💔 भारतीय पुरुषों की स्वास्थ्य समस्याएँ — ये आंकड़े आपको चौंका देंगे

1. हृदय रोग: भारतीय पुरुषों का नंबर 1 कातिल

भारत में पुरुषों की मृत्यु का सबसे बड़ा कारण दिल की बीमारी है। आंकड़े देखें:

📊 हर 1,00,000 पुरुषों में 1,050 को हृदय रोग है — यह एक विशाल संख्या है।

सबसे चौंकाने वाली बात? 50% दिल के दौरे 50 साल से कम उम्र के पुरुषों में होते हैं, और 25% तो मात्र 40 साल से कम उम्र में होते हैं!

यह एक समय था जब दिल का दौरा सिर्फ 60+ साल के बुजुर्गों में होता था। आज, 35 साल के युवा भी अचानक दिल का दौरा झेल रहे हैं।

मुख्य कारण:

  • खराब आहार: तले-भुने खाना, फास्ट फूड, अधिक नमक

  • शारीरिक निष्क्रियता: डेस्क जॉब, 8+ घंटे बैठे रहना

  • तनाव: कार्य दबाव, आर्थिक चिंताएँ

  • धूम्रपान और शराब: विशेष रूप से पुरुषों में आम

  • मोटापा: अधिक वजन हृदय पर भार डालता है

  • उच्च रक्तचाप: जिसे लोग "साइलेंट किलर" कहते हैं

अच्छी खबर:

अगर आप आज से कदम उठाएँ, तो 60-70% तक हृदय रोग का जोखिम कम कर सकते हैं।

कैसे?

  • सप्ताह में 150 मिनट व्यायाम (एक दिन में 30 मिनट, 5 दिन)

  • तेल-मसाला कम करें

  • रोज 5+ सब्जियाँ और फल खाएँ

  • धूम्रपान छोड़ें

  • तनाव प्रबंधन (योग, ध्यान)

2. मधुमेह: चुप-चाप आने वाली बीमारी

भारत को "डायबिटीज की राजधानी" कहते हैं, और सच कहूँ तो यह शर्म की बात है।

📊 भारत में 6 में से 1 पुरुष शुगर या प्रीडायबिटीज से जूझ रहा है।

क्या आप जानते हैं? भारत में 101 मिलियन मधुमेह रोगी हैं, और इनमें से अधिकांश पुरुष हैं।

समस्या यह है कि मधुमेह एक "साइलेंट डिजीज" है — इसका कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होता। आप महीनों तक मधुमेह से ग्रस्त हो सकते हैं और आपको पता भी नहीं चलेगा।

शुरुआती संकेत (जो अक्सर नजरअंदाज कर दिए जाते हैं):

  • बार-बार प्यास लगना

  • बार-बार पेशाब आना (विशेषकर रात को)

  • थकान महसूस करना

  • वजन बिना कारण कम होना

  • घाव का जल्दी न भरना

जटिलताएँ (जब बहुत देर हो जाए):

  • दिल की बीमारी

  • किडनी खराब होना

  • आँखों की समस्या (अंधापन तक)

  • तंत्रिका क्षति

बचाव के तरीके:

वजन कम करें: अगर आप ओवरवेट हैं
व्यायाम करें: हर दिन कम से कम 30 मिनट
चीनी-युक्त पेय कम करें: कोल्ड ड्रिंक्स, आर्टिफिशियल जूस
फाइबर खाएँ: साबुत अनाज, दाल, सब्जियाँ
नियमित जाँच करवाएँ: 30+ उम्र के बाद साल में कम से कम एक बार

3. कैंसर: तंबाकू का काला सच

52.4% भारतीय पुरुष कैंसर के शिकार होते हैं — यह दर महिलाओं से कहीं अधिक है।

सबसे आम कैंसर:

🔴 फेफड़े का कैंसर — धूम्रपान और प्रदूषण से जुड़ा
🔴 मौखिक कैंसर — तंबाकू चबाने, गुटखा से
🔴 प्रोस्टेट कैंसर — उम्र के साथ बढ़ता है
🔴 पेट का कैंसर — शराब और मसालेदार खाने से

भारत में तंबाकू का उपयोग:

  • 120 मिलियन भारतीय तंबाकू का उपयोग करते हैं

  • सिगरेट, गुटखा, खैनी, पान — सभी खतरनाक हैं

  • तंबाकू से हर साल 10 लाख से अधिक मृत्यु भारत में

रोकथाम:

🚫 तंबाकू छोड़ें (सबसे महत्वपूर्ण)
🚫 शराब कम करें
🚫 प्रदूषण में कम रहें
✅ नियमित जाँच करवाएँ
✅ कैंसर के संकेत पर ध्यान दें (लगातार खांसी, गले में दर्द, आदि)

🧠 मानसिक स्वास्थ्य: पुरुषों का गहरा और साइलेंट संकट

यहीं पर चीजें बहुत गहरी हो जाती हैं, और यहीं से हम सच में समझते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस कितना महत्वपूर्ण है।

आत्महत्या: एक चौंकाने वाला आंकड़ा

2021 में, भारत में 73,900 से अधिक पुरुषों ने आत्महत्या की।

यह महिलाओं की संख्या से 3 गुना ज़्यादा है।

और सबसे गहरी समस्या? 72.5% आत्महत्याएँ पुरुषों द्वारा की जाती हैं।

ये केवल आंकड़े नहीं हैं — ये परिवार, बच्चे, माता-पिता, पत्नियाँ हैं जो हर दिन अपनों को खो रहे हैं।

आत्महत्या के शीर्ष कारण:

  1. कर्जे: 30-40% आत्महत्याएँ कृषि ऋण या व्यावसायिक कर्ज के कारण

  2. नौकरी खोना: अचानक बेरोजगार होने का आघात

  3. परिवारिक समस्याएँ: विवाह संकट, अलगाववाद

  4. मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ: डिप्रेशन, चिंता

  5. सामाजिक दबाव: "मर्द को सब कुछ सहन करना चाहिए"

40% पुरुष अपनी भावनाओं के बारे में बात नहीं करते

मणिपाल विश्वविद्यालय के अध्ययन में पाया गया कि लगभग 40% भारतीय पुरुष अपनी भावनाओं को दबाते हैं।

क्यों?

  1. सामाजिक कलंक: "अगर मैं रोऊँ, तो लोग मुझे कमजोर समझेंगे"

  2. सांस्कृतिक मानदंड: पुरुषों को "मजबूत" होना सिखाया जाता है

  3. शर्म: अपनी समस्याओं को स्वीकार करना मुश्किल लगता है

  4. परिवार का दबाव: पिता, चाचा सब कहते हैं, "बस सहन कर जाओ"

नतीजा? डिप्रेशन, शराब का दुरुपयोग, आत्महत्या।

मानसिक स्वास्थ्य के संकेत — क्या आप अनुभव करते हैं?

लगातार उदासी या खालीपन महसूस करना — कुछ भी अच्छा नहीं लगता
किसी भी काम में रुचि न रहना — जो काम आपको पहले पसंद था, अब उसमें भी मजा नहीं
नींद में समस्या — बहुत ज्यादा सोना या बिल्कुल न सो पाना
अत्यधिक चिड़चिड़ापन या गुस्सा — छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना
भूख में बदलाव — बहुत ज्यादा खाना या बिल्कुल न खाना
अकेले रहने की इच्छा — दोस्त-रिश्तेदारों से दूर हो जाना
शराब या नशे की ओर रुख करना — समस्याओं से भागने के लिए

महत्वपूर्ण बात:

अगर 2 हफ्ते से ज्यादा समय ये लक्षण रहते हैं, तो यह डिप्रेशन हो सकता है।

अगर हाँ, तो संकोच मत कीजिए — तुरंत डॉक्टर से मिलें या हेल्पलाइन में कॉल करें।

🏢 कार्यस्थल तनाव: भारतीय कर्मचारी क्यों टूट रहे हैं?

भारत में बर्नआउट एक जनस्वास्थ्य संकट बन गया है।

ये आंकड़े देखिए:

📊 62% भारतीय कर्मचारी तनाव और बर्नआउट से पीड़ित हैं
(वैश्विक औसत: सिर्फ 20% — यानी भारत में यह 3 गुना ज्यादा है!)

📊 14-16 घंटे के कार्यदिवस आईटी, वित्त, मार्केटिंग, फार्मा जैसे सेक्टर में आम हैं

📊 43% निजी क्षेत्र के कर्मचारी डिप्रेशन के लक्षण दिखाते हैं

📊 60% कर्मचारी अपनी नौकरी से असंतुष्ट हैं

कार्य तनाव के मुख्य कारण:

  1. अत्यधिक कार्यभार: "मैं एक व्यक्ति हूँ, लेकिन 5 लोगों का काम कर रहा हूँ"

  2. नौकरी की असुरक्षा: "कभी भी आउटसोर्स हो सकते हैं"

  3. बॉस से दबाव: "तुम्हारा काम अच्छा नहीं है"

  4. कोई कैरियर ग्रोथ नहीं: साल दर साल एक ही पद पर

  5. खराब कार्य वातावरण: कोई सहयोग नहीं, सब प्रतिस्पर्धा

  6. नियंत्रण की कमी: आप अपना काम कैसे करेंगे, यह भी निर्देश

कार्य-तनाव को कम करने के 7 तरीके:

1. समय सीमा निर्धारित करें:

  • शाम 6 बजे के बाद काम न करें (यदि संभव हो)

  • सप्ताहांत को पूरी तरह काम-मुक्त रखें

  • अगर गुरुवार की रात को काम भेजा जाए, तो सोमवार तक करें

2. मिनीब्रेक लें:

  • हर 1 घंटे में 5 मिनट का ब्रेक लें

  • अपनी सीट से उठें, थोड़ा चलें, पानी पिएँ

3. व्यायाम रूटीन बनाएँ:

  • सुबह 30 मिनट की जॉगिंग

  • दोपहर में 10 मिनट का योग

  • शाम को घर पहुँचकर 5 मिनट का स्ट्रेच

4. बॉस से खुलकर बात करें:

  • "यह डेडलाइन संभव नहीं है, कृपया एक हफ्ता ओर दें"

  • "मेरा वर्कलोड बढ़ रहा है, कृपया किसी और को भी काम सिखाएँ"

5. कोलीग्स के साथ रिलेशन बेहतर बनाएँ:

  • छोटे ब्रेक में बातचीत करें

  • कभी-कभी कॉफी के लिए जाएँ

  • सहयोग की संस्कृति बनाएँ

6. हॉबी पर समय दें:

  • गेमिंग, खेल, पेंटिंग, संगीत — कुछ भी करें

  • कम से कम 1 घंटा रोज अपने लिए

7. परिवार के साथ समय बिताएँ:

  • काम की सब बातें घर पर न सोचें

  • पत्नी, बच्चों के साथ खेलें, हँसें

🔬 प्रोस्टेट कैंसर: क्यों PSA टेस्ट इतना महत्वपूर्ण है?

भारत में प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में दूसरा सबसे आम कैंसर है।

आंकड़े:

📊 2022 में भारत ने 18,386 प्रोस्टेट कैंसर से मौतें दर्ज कीं
📊 दिल्ली, मुंबई, पुणे, कोलकाता में सबसे ज्यादा मामले
📊 शीघ्र पहचान से 90% तक उपचार संभव है

PSA टेस्ट क्या है?

PSA (Prostate Specific Antigen) एक सरल रक्त परीक्षण है जो आपके प्रोस्टेट की स्वास्थ्य स्थिति बताता है।

कब करवाएँ?

50+ वर्ष: सभी पुरुषों को साल में एक बार
45 वर्ष: अगर परिवार में प्रोस्टेट कैंसर का इतिहास हो
40 वर्ष: अगर सीधा परिवार में (पिता, भाई) में कैंसर हुआ हो

शीघ्र लक्षण (जो लोग भूल जाते हैं):

  • पेशाब करने में परेशानी: दर्द या जलन

  • कमजोर पेशाब की धारा: पहले के मुकाबले कम दबाव

  • रात में बार-बार पेशाब आना: 5-6 बार उठना

  • पेशाब में रक्त: बहुत दुर्लभ, लेकिन गंभीर

  • यौन समस्याएँ: नपुंसकता या दर्द

महत्वपूर्ण बात:

प्रोस्टेट कैंसर आमतौर पर धीरे-धीरे बढ़ता है, इसलिए शीघ्र पहचान अत्यंत महत्वपूर्ण है।

अगर PSA स्कोर में अचानक वृद्धि हो या 4 ng/mL से ज्यादा हो, तो तुरंत यूरोलॉजिस्ट से मिलें।

👶 पुरुष बांझपन: एक अनदेखी समस्या

आंकड़े:

📊 भारत में 40-50% बांझपन के मामलों में पुरुष कारण होते हैं
📊 हर साल 1.5 लाख पुरुष बांझपन के लिए इलाज करवाते हैं
📊 लेकिन 80% लोगों को यह भी नहीं पता कि बांझपन का कारण पुरुष हो सकता है

मुख्य कारण:

🔴 कम शुक्राणु गिनती (Oligospermia) — <15 मिलियन स्पर्म/एमएल
🔴 शुक्राणु की कमजोर गति (Asthenozoospermia) — शुक्राणु ठीक से नहीं तैरते
🔴 असामान्य शुक्राणु आकृति विज्ञान — विकृत आकार
🔴 शून्य शुक्राणु (Azoospermia) — कोई शुक्राणु नहीं
🔴 वैरिकोसील — अंडकोश में सूजी हुई नसें (30% मामलों में)

जीवनशैली कारक:

तनाव: कम शुक्राणु उत्पादन
खराब आहार: जस्ता, सेलेनियम की कमी
धूम्रपान: शुक्राणु की संख्या और गुणवत्ता में 50% कमी
शराब: अंडकोश का तापमान बढ़ाता है
मोटापा: हार्मोन असंतुलन
व्यायाम की कमी
अत्यधिक गर्म पानी से नहाना: शुक्राणु तापमान-संवेदनशील हैं

सफल उपचार विकल्प:

IVF: 40-50% सफलता दर
ICSI: 50-80% सफलता दर (गंभीर मामलों के लिए सबसे अच्छा)
IUI: 10-20% सफलता दर
वैरिकोसील सर्जरी: 80% में शुक्राणु सुधार
जीवनशैली में बदलाव: 3 महीने में बेहतरी दिख सकती है

💪 व्यायाम: पुरुषों के लिए ताक़त, स्वास्थ्य और खुशी का फार्मूला

नियमित व्यायाम सिर्फ मांसपेशियाँ नहीं बनाता — यह मन, हृदय, हड्डियों को भी मजबूत करता है।

व्यायाम के 8 जादुई लाभ:

1. हृदय स्वास्थ्य में सुधार:

  • रक्तचाप कम होता है

  • कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में आता है

  • दिल की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं

2. मजबूत हड्डियाँ:

  • उम्र के साथ हड्डियों की कमजोरी (ऑस्टियोपोरोसिस) से बचाव

  • 40+ के बाद विशेष महत्वपूर्ण

3. वजन कंट्रोल:

  • प्रति घंटे 200-400 कैलोरी बर्न

  • मेटाबोलिज्म तेज होता है

4. तनाव कम करना:

  • एंडोर्फिन्स (खुशी के हार्मोन) बढ़ते हैं

  • डिप्रेशन में 30-50% सुधार

5. बेहतर नींद:

  • रात को गहरी, शांत नींद

  • नींद की गुणवत्ता में 65% सुधार

6. अधिक आत्मविश्वास:

  • शारीरिक परिवर्तन से मानसिक बदलाव

  • सामाजिक जीवन में सुधार

7. बेहतर यौन जीवन:

  • ब्लड सर्कुलेशन में सुधार

  • स्टेमिना बढ़ता है

8. लंबी उम्र:

  • नियमित व्यायाम करने वाले 7-10 साल ज्यादा जीते हैं

हफ्ते में कितना करें?

WHO की सिफारिशें:

  • कम से कम 150 मिनट मध्यम व्यायाम (जॉगिंग, तेज़ चलना, साइकिलिंग)

  • या 75 मिनट तीव्र व्यायाम (दौड़ना, तेज़ साइकिलिंग, तेज़ तैराकी)

  • + 2 दिन शक्ति प्रशिक्षण (वजन उठाना, पुश-अप्स)

व्यायाम के प्रकार:

व्यायाम

अवधि

लाभ

जॉगिंग

30 मिनट रोज

हृदय, वजन

वजन उठाना

2 दिन, 45 मिनट

मांसपेशी, हड्डियाँ

योग

30 मिनट रोज

तनाव, लचीलापन

तैराकी

30 मिनट, 3 दिन

पूर्ण शरीर व्यायाम

साइकिलिंग

45 मिनट, 4 दिन

पैर की ताकत

🍽️ पोषण: सही खाना = स्वस्थ जीवन

हृदय स्वास्थ्य के लिए पुरुषों का आहार:

रंगीन सब्ज़ियाँ:

  • लाल: टमाटर, शिमला मिर्च (लाइकोपीन)

  • हरी: पालक, ब्रोकोली (आयरन, कैल्शियम)

  • नारंगी: गाजर, कद्दू (बीटा-कैरोटीन)

ताजे फल:

  • सेब (फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट्स)

  • पपीता (पाचन)

  • अनार (दिल के लिए)

  • कीवी (विटामिन C)

प्रोटीन स्रोत:

  • दाल (प्रतिदिन 1 कटोरी)

  • मछली (सप्ताह में 2-3 बार)

  • अंडे (हफ्ते में 3-4 बार)

  • दही (रोज)

स्वस्थ वसा:

  • जैतून का तेल (कम मात्रा में)

  • बादाम, अखरोट

  • नारियल का तेल (कभी-कभी)

साबुत अनाज:

  • ब्राउन राइस

  • ओट्स

  • जौ

बचने योग्य खाद्य पदार्थ:

तले-भुने खाना: सप्ताह में 1-2 बार से ज्यादा नहीं
फास्ट फूड: बिल्कुल कम करें
चीनी-युक्त पेय: कोल्ड ड्रिंक्स, फ्लेवर्ड ड्रिंक्स
अत्यधिक नमक: 5 ग्राम से कम रोज
रेड मीट: सप्ताह में 1-2 बार
प्रोसेस्ड फूड: सॉसेज, हैम, आदि

आहार के नियम:

  • सुबह का नाश्ता: 7-8 बजे (महत्वपूर्ण!)

  • दोपहर का खाना: 12-1 बजे

  • शाम का नाश्ता: 4-5 बजे (हल्का)

  • रात का खाना: 8 बजे (सोने से 2 घंटे पहले)

👨‍👧‍👦 पितृत्व अवकाश: पिता की भूमिका का महत्व

भारत में पितृत्व अवकाश की नीति:

सरकारी कर्मचारियों:

  • 15 दिन पितृत्व अवकाश (बच्चे के जन्म के 6 महीने के भीतर)

  • सेंट्रल सिविल सर्विसेज रूल 1972 के अंतर्गत

निजी कर्मचारियों:

  • अभी भी अनिवार्य नहीं, लेकिन कई कंपनियाँ दे रहीं (5 दिन से 5 हफ्ते)

पितृत्व अवकाश के लाभ:

1. परिवार के साथ गुणवत्तापूर्ण समय:

  • पत्नी की देखभाल

  • बच्चे को समझना

  • पहली मुस्कुराहट को देखना

2. बच्चों के विकास में सीधी भूमिका:

  • शोध से पता चलता है कि पिता की सक्रिय भागीदारी से बच्चों में IQ 10-12 पॉइंट बढ़ता है

3. पारिवारिक संबंध मजबूत होते हैं:

  • पत्नी को समर्थन मिलता है

  • परिवार के बीच स्नेह बढ़ता है

4. लैंगिक समानता को बढ़ावा:

  • बच्चों को सिखता है कि पिता भी देखभाल कर सकते हैं

5. कार्य-जीवन संतुलन:

  • कुछ समय घर के लिए निकालना

  • मानसिक तनाव कम होता है

ज़रूर पढ़ें - 30+ पुरुषों के लिए 5 जरूरी हेल्थ टेस्ट – डॉक्टर की सलाह

🎭 विषाक्त मर्दानगी को तोड़ना

भारत में एक "छद्म पितृसत्तात्मक संस्कृति" है जो पुरुषों को भावनाहीन होने के लिए बाध्य करती है। लेकिन यह समझ रहे हैं कि विषाक्त मर्दानगी से केवल पुरुषों को ही नहीं, बल्कि पूरे समाज को नुकसान होता है।

विषाक्त मर्दानगी के लक्षण:

❌ "मर्द को रोना नहीं चाहिए"
❌ "किसी से मदद माँगना कमजोरी है"
❌ "आप बस सहन करो, कोई शिकायत नहीं"
❌ "महिलाएँ भावनात्मक होती हैं, पुरुष नहीं"
❌ "बच्चों की देखभाल महिलाओं का काम है"

भावनाएँ दिखाना कमजोरी नहीं है:

रोना मानवीय है — यह तनाव हार्मोन को कम करता है
डर महसूस करना सामान्य है — हर किसी को डर लगता है
मदद माँगना बहादुरी है — मजबूत लोग मदद माँगते हैं
अपने बच्चों को प्यार से गले लगाना पुरुषत्व है — जरूरी नहीं कि "मजबूत" हाथ हों
घर के काम में भाग लेना सामान्य है — पत्नी अकेली परिवार नहीं संभाल सकती

सकारात्मक पुरुष रोल मॉडल:

✅ ऐसे पुरुष जो:

  • अपनी भावनाओं के बारे में खुलकर बात करते हैं

  • घर के काम में समान भाग लेते हैं

  • अपनी गलतियाँ स्वीकार करते हैं

  • महिलाओं को आजीविका का अधिकार देते हैं

  • बच्चों को पढ़ाते हैं कि पुरुष भी रो सकते हैं

🩺 40+ उम्र के पुरुषों के लिए जरूरी स्वास्थ्य जाँचें

अगर आप 40 साल से ऊपर हैं, तो ये सारी जाँचें साल में कम से कम एक बार करवाएँ:

जाँच

कब करवाएँ

क्यों महत्वपूर्ण है?

सामान्य रेंज

रक्तचाप

हर 6 महीने

हृदय रोग और स्ट्रोक का संकेत

<120/80 mmHg

कोलेस्ट्रॉल

हर साल

हृदय में वसा जमा होना

Total <200

रक्त शर्करा

हर साल

मधुमेह का पता लगाना

Fasting <100

PSA टेस्ट

50+ उम्र से, हर साल

प्रोस्टेट कैंसर स्क्रीनिंग

<4 ng/mL

लिवर फंक्शन

2 साल में एक बार

शराब के प्रभाव को जानना

Normal range

किडनी टेस्ट

2 साल में एक बार

मधुमेह या हाई बीपी के साथ

Creatinine <1.2

हीमोग्लोबिन

हर साल

एनीमिया की जाँच

13.5-17.5 g/dL

वजन और BMI

हर महीने

मोटापे की निगरानी

BMI 18.5-24.9

🎯 अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस को सार्थक तरीके से मनाएँ

व्यक्तिगत स्तर पर:

स्वास्थ्य जाँच का अपॉइंटमेंट बुक करें

  • डॉक्टर से पूछें कि कौन सी जाँचें करवानी चाहिएँ

  • भविष्य के लिए "हेल्थ रिमाइंडर" सेट करें

एक नई फिटनेस दिनचर्या शुरू करें

  • यदि पहले नहीं करते, तो अभी शुरू करें

  • छोटे से शुरू करें (सप्ताह में 3 दिन, 30 मिनट)

अपने जीवन के महत्वपूर्ण पुरुषों को धन्यवाद कहें

  • पिता को कॉल करें

  • दोस्तों को मिलने का समय दें

  • बॉस को सराहें (अगर अच्छा हो)

अपनी भावनाओं के बारे में किसी विश्वस्त व्यक्ति से बात करें

  • परिवार, दोस्त, या परामर्शदाता

  • "मुझे समस्या हो रही है, मदद चाहिए"

कार्यस्थल पर:

मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता सत्र आयोजित करें

  • "पुरुषों का मानसिक स्वास्थ्य" पर एक बातचीत

  • किसी विशेषज्ञ को बुलाएँ

तनाव प्रबंधन कार्यशाला करवाएँ

  • "बर्नआउट से कैसे बचें?"

  • योग या ध्यान सत्र

कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य स्क्रीनिंग कैंप लगवाएँ

  • रक्तचाप, शर्करा, कोलेस्ट्रॉल की मुफ्त जाँच

समुदाय में:

सोशल मीडिया पर पुरुष स्वास्थ्य के बारे में जानकारी शेयर करें

  • एक कहानी अपनी या किसी दोस्त की

  • यह दिखाएँ कि मदद माँगना सामान्य है

✅ **#InternationalMensDay हैशटैग का उोग करें

  • "यह पोस्ट पुरुषों के लिए है जो कहते नहीं"

  • अपनी कहानी शेयर करें

अपने इलाके में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें

  • मानसिक स्वास्थ्य पर सार्वजनिक चर्चा

  • पुरुष स्वास्थ्य केंद्र खुलवाने का अनुरोध करें

🆘 संकट में हैं? ये हेल्पलाइनें तुरंत कॉल करें

अगर आप या कोई अन्य व्यक्ति आत्महत्या के विचार से जूझ रहा है, तो तुरंत कॉल करें:

📞 KIRAN National Helpline: 1800-500-0019

  • 24/7 उपलब्ध

  • बिना कॉल चार्ज

  • प्रशिक्षित परामर्शदाता

📞 AASRA

📞 ROSHNI

📞 सोसाइटी फॉर सिकेयर

📞 अपने शहर का मानसिक स्वास्थ्य केंद्र: याद के साथ आपके जिले में एक है

महत्वपूर्ण बात:

"यह विचार अस्थायी है, लेकिन मृत्यु स्थायी है। कृपया किसी से बात करें।"

15 तुरंत कार्यान्वयन योग्य टिप्स: आज ही शुरू करें

  1. अपना रक्तचाप जांचवाएँ (किसी मेडिकल स्टोर पर फ्री)

  2. कल सुबह 30 मिनट की सैर करें

  3. अपने पिता/बॉस को कॉल करें

  4. शाम को 6 बजे के बाद फोन/लैपटॉप बंद करें

  5. अपनी पत्नी/माता को "थैंक यू" कहें

  6. कल से ऑयली फूड कम करें

  7. एक हेल्थ एप्लीकेशन डाउनलोड करें

  8. किसी दोस्त को बताएँ, "मैं असल में कैसा हूँ"

  9. अगले महीने एक नई फिटनेस क्लास ज्वाइन करें

  10. धूम्रपान/शराब कम करने का वादा करें

  11. बेडरूम में मोबाइल न रखें

  12. हर दिन 8 घंटे की नींद का लक्ष्य रखें

  13. अपने बच्चों के साथ 1 घंटा खेलें

  14. कहीं एक डॉक्टर नोट करें और अपॉइंटमेंट बुक करें

  15. इस लेख को 3 दोस्तों को शेयर करें

📍 अंत में: एक संदेश

पुरुष स्वास्थ्य को प्राथमिकता न देना भारत की एक विशाल गलती रही है।

72.5% आत्महत्याएँ, 62% बर्नआउट, 1 में से 6 मधुमेह, 1,050 प्रति लाख हृदय रोग — ये आंकड़े पर्याप्त हैं।

लेकिन बदलाव शुरू हो सकता है आपके घर से, आपके कार्यस्थल से, आपके समाज से।

इस अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस पर:

✅ अपनी देखभाल करें।
✅ अपनी भावनाओं की बात करें।
✅ नियमित स्वास्थ्य जाँच करवाएँ।
✅ व्यायाम शुरू करें।
✅ किसी से पूछें, "तुम ठीक हो? वाकई में?"
✅ सकारात्मक बदलाव के एजेंट बनें।

क्योंकि: 💙 स्वस्थ पुरुष = स्वस्थ परिवार = स्वस्थ समाज

लेखक के बारे में ✍️मणि रंजन अम्बष्‍ठस्वास्थ्य और जीवनशैली विषयों पर विश्वसनीय और शोध आधारित जानकारी साझा करने वाले विशेषज्ञ लेखक।

ज़रूर पढ़ें

शेयर करें: