🌍 World Polio Day: पोलियो से बचाव, इतिहास और जरूरी सावधानियाँ

🌅 परिचय
हर साल 24 अक्टूबर को दुनिया World Polio Day मनाती है। यह दिन न केवल वैक्सीन की खोज का सम्मान करता है, बल्कि इंसानियत की उस अद्भुत जीत का प्रतीक है जिसने “लाखों बच्चों की मुस्कान” वापस लौटा दी। कभी पोलियो दुनिया की सबसे भयावह बीमारियों में से एक था। बच्चों को आजीवन लकवे से ग्रस्त कर देता था। लेकिन डॉ. Jonas Salk की खोज (1955) और उसके बाद डॉ. Albert Sabin की मौखिक वैक्सीन (1961) ने इतिहास बदल दिया।
WHO की रिपोर्ट (2024) के अनुसार, 1988 से अब तक पोलियो के मामलों में 99% से अधिक कमी आई है। लेकिन अभी भी Pakistan और Afghanistan में कुछ सक्रिय मामले मौजूद हैं।
यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि “एक छोटी सी बूंद भी लाखों जिंदगियाँ बचा सकती है।”
🧬 1. पोलियो क्या है और यह कैसे असर करता है?
पोलियो (Poliomyelitis) एक वायरल संक्रमण है जो Poliovirus नामक सूक्ष्म जीव के कारण होता है। यह वायरस आंत (intestine) में बढ़ता है और कभी-कभी स्पाइनल कॉर्ड को नुकसान पहुंचाकर लकवा (Paralysis) का कारण बनता है।
📊 तथ्य:
WHO (2024): लगभग 1 में से 200 मामलों में स्थायी लकवा होता है।
5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे सबसे अधिक संवेदनशील होते हैं।
पोलियो का कोई इलाज नहीं, केवल टीकाकरण ही बचाव है।
🦠 संक्रमण का तरीका:
दूषित पानी, भोजन या संक्रमित व्यक्ति के मल के संपर्क से।
अस्वच्छ वातावरण, गंदा पानी और साफ-सफाई की कमी से वायरस फैलता है।
⚠️ लक्षण:
शुरुआती: बुखार, सिरदर्द, उल्टी, गले में दर्द, थकान
गंभीर: अचानक मांसपेशियों का कमजोर होना या लकवा
बाद के सालों में: Post-Polio Syndrome — दोबारा मांसपेशियों में कमजोरी या दर्द
🕰️ 2. पोलियो का इतिहास और वैज्ञानिक खोज
वर्ष | महत्वपूर्ण घटना |
---|---|
1789 | डॉ. Michael Underwood ने बच्चों में “अजीब लकवा” का उल्लेख किया। |
1908 | Karl Landsteiner और Erwin Popper ने पोलियो वायरस की पहचान की। |
1955 | डॉ. Jonas Salk ने पहला इंजेक्शन वाला टीका (IPV) विकसित किया। |
1961 | डॉ. Albert Sabin ने मौखिक टीका (OPV) तैयार किया। |
1988 | WHO, UNICEF और Rotary ने मिलकर Global Polio Eradication Initiative (GPEI) शुरू की। |
2014 | भारत को Polio-Free Nation घोषित किया गया। |
📉 डेटा:
1988 में दुनिया भर में 3.5 लाख मामले दर्ज थे; 2024 में केवल 99 सक्रिय केस (WPV1) शेष हैं।
(स्रोत: WHO GPEI 2024 रिपोर्ट)
💉 3. पोलियो वैक्सीन: एक वैज्ञानिक चमत्कार
🔹 1. IPV (Inactivated Polio Vaccine)
इंजेक्शन के रूप में दी जाती है।
वायरस को निष्क्रिय (dead) रूप में दिया जाता है, इसलिए 100% सुरक्षित।
इसे Jonas Salk ने 1955 में विकसित किया।
🔹 2. OPV (Oral Polio Vaccine)
मुंह से दी जाने वाली बूंदें।
वायरस का जीवित लेकिन कमजोर रूप (attenuated) होता है।
इसे Albert Sabin ने 1961 में बनाया।
भारत में “दो बूंद जिंदगी की” अभियान के तहत यही दी जाती है।
📊 GPEI आंकड़ा:
1988 से अब तक विश्वभर में 20 अरब से अधिक बच्चों को पोलियो वैक्सीन दी जा चुकी है।
हर साल लगभग 16 मिलियन बच्चे लकवे से बचाए जा रहे हैं।
🧼 4. बचाव और जरूरी सावधानियाँ
🧠 सामान्य सावधानियाँ:
उबला या शुद्ध पानी पिएँ।
खाने से पहले और शौचालय के बाद हाथ धोएँ।
खुले में शौच न करें।
बच्चों का टीकाकरण निर्धारित समय पर करवाएँ।
🏠 घरेलू और सामाजिक कदम:
सामुदायिक टीकाकरण अभियानों में सहयोग करें।
यदि बच्चा बीमार है, तब भी डॉक्टर की सलाह से टीकाकरण न टालें।
स्कूल और आंगनवाड़ी में स्वच्छता का ध्यान रखें।
💡 तथ्य:
WHO के अनुसार, 2024 में पोलियो-मुक्त देशों में भी vaccine-derived poliovirus (cVDPV) के 127 मामले पाए गए।
इसलिए निरंतर टीकाकरण आवश्यक है।
🤰 5. गर्भवती महिलाओं के लिए पोलियो सावधानियाँ
गर्भावस्था में OPV (oral vaccine) नहीं दी जाती।
यदि महिला पोलियो-प्रभावित क्षेत्र में जा रही है, तो IPV ली जा सकती है — यह CDC और WHO द्वारा सुरक्षित मानी गई है।
स्वच्छ पानी, पौष्टिक आहार और हाथों की स्वच्छता बनाए रखें।
परिवार के सभी सदस्यों को समय पर टीका दिलवाएँ ताकि herd immunity बनी रहे।
यदि किसी संक्रमित व्यक्ति से संपर्क हुआ हो, तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
📊 6. भारत की पोलियो-मुक्त सफलता
भारत ने 2014 में WHO से Polio-Free Certification प्राप्त की।
यह सफलता 24 लाख से अधिक स्वयंसेवकों, स्वास्थ्यकर्मियों और 2.3 अरब से अधिक खुराकों की बदौलत संभव हुई।
भारत के मॉडल की सफलता:
“Pulse Polio Campaign” (1995 से)
घर-घर टीकाकरण
गांवों में IEC (Information, Education, Communication) पहल
WHO-UNICEF निगरानी नेटवर्क
📈 भारत अब दुनिया के लिए पोलियो उन्मूलन का एक प्रेरक उदाहरण है।
🧩 FAQs — अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. क्या पोलियो अब पूरी तरह खत्म हो गया है?
नहीं। पोलियो के 99% मामले खत्म हो चुके हैं, लेकिन 2024 तक Pakistan और Afghanistan में अभी भी 99 सक्रिय WPV1 केस हैं।
Q2. क्या पोलियो वैक्सीन के साइड इफेक्ट होते हैं?
बहुत ही हल्के और अस्थायी प्रभाव (जैसे इंजेक्शन साइट पर दर्द)। गंभीर प्रभाव अत्यंत दुर्लभ (<1/10 लाख)।
Q3. पोलियो का इलाज है क्या?
नहीं, केवल लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है — जैसे फिजियोथेरेपी, ब्रेस, और सपोर्ट डिवाइस।
Q4. बच्चे को कितनी बार पोलियो वैक्सीन देनी चाहिए?
भारत में जन्म के बाद, फिर 6, 10, 14 सप्ताह और 16–24 महीने में पुनः खुराक दी जाती है।
Q5. क्या वयस्कों को पोलियो वैक्सीन की जरूरत होती है?
अगर पहले वैक्सीन नहीं ली या यात्रा पोलियो-प्रभावित क्षेत्र में हो, तो IPV बूस्टर डोज़ ली जा सकती है।
🧭 निष्कर्ष
World Polio Day सिर्फ एक स्मरण दिवस नहीं — बल्कि एक जागरूकता का संकल्प है।
मानवता की यह जंग दिखाती है कि विज्ञान, शिक्षा और एकजुटता मिलकर किसी भी महामारी को मिटा सकते हैं।
आज जब दुनिया पोलियो के अंतिम छोर पर है, हर परिवार की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने बच्चे की टीकाकरण खुराक कभी न चूकें।
क्योंकि सच में —
“दो बूंद जिंदगी की” सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों का सुरक्षित भविष्य है। 🌍💧
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