🥶 सर्दियों में उठने का मन नहीं करता? जानिए क्यों और क्या करें।
😍 BMI कैलकुलेटर से अपना बॉडी मास इंडेक्स जानें - Click Here 👈क्या आपने नोटिस किया है। जैसे ही ठंड बढ़ती है, सुबह अलार्म बजता है लेकिन उठने का मन नहीं करता?
कंबल के अंदर से बस एक ही आवाज़ आती है।“बस पाँच मिनट और…” 😴
आप सोचते हैं शायद आप आलसी हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं?
ये सिर्फ़ आपकी आदत नहीं है, आपका शरीर ठंड के मौसम में “एनर्जी सेव मोड” में चला जाता है।
सर्दियों में सुबह उठने की दिक्कत लगभग 70% लोगों में पाई जाती है (AIIMS Sleep Study 2023)।
ये मौसम सिर्फ़ तापमान नहीं घटाता बल्कि आपके हार्मोन, मूड, नींद और एनर्जी सिस्टम को भी रीसेट कर देता है।
तो आइए, इस आर्टिकल में हम जानेंगे 👇
क्यों ठंड में सुबह उठना इतना मुश्किल लगता है
शरीर और दिमाग़ में क्या बदलाव आते हैं
कौन सी गलतियाँ आप रोज़ करते हैं
और आयुर्वेद व साइंस दोनों के मुताबिक क्या करें ताकि दिन एनर्जेटिक शुरू हो
FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल।
🧠 1. ठंड में उठने का मन क्यों नहीं करता। साइंस क्या कहती है

🔹 (i) शरीर की “सर्कैडियन रिद्म” बदल जाती है
हमारा शरीर एक नैचुरल बायोलॉजिकल क्लॉक पर चलता है जिसे Circadian Rhythm कहते हैं।
सर्दियों में दिन छोटे और रातें लंबी हो जाती हैं, जिससे दिमाग़ को लगता है।“अभी रात है, सोते रहो।”
👉 Harvard Medical School की एक रिपोर्ट के अनुसार,
सर्दियों में सूरज की रोशनी देर से आने के कारण मेलाटोनिन हार्मोन (Sleep Hormone) ज़्यादा समय तक एक्टिव रहता है।
यही वजह है कि सुबह सुस्ती और नींद टूटने में परेशानी होती है।
🔹 (ii) सूरज की कमी = सेरोटोनिन की कमी
सर्दियों में सूरज कम निकलता है, जिससे हमारा सेरोटोनिन (Happiness Hormone) कम बनता है।
नतीजा? मूड डाउन, एनर्जी लो और आलस बढ़ता है।
CDC (Centers for Disease Control, USA) की एक रिपोर्ट के मुताबिक़,
“कम धूप वाले दिनों में दिमाग़ की एक्टिविटी 20% तक स्लो हो जाती है।”
🔹 (iii) बॉडी "एनर्जी सेव मोड" में चली जाती है
ठंड में शरीर को खुद को गर्म रखने के लिए ज़्यादा एनर्जी चाहिए। इसलिए दिमाग़ खुद-ब-खुद कहता है।“आराम करो, बाहर मत निकलो।”
इस फिज़ियोलॉजिकल रेस्पॉन्स को Thermoregulatory Response कहते हैं।
🔹 (iv) नींद का पैटर्न बिगड़ जाता है
AIIMS Delhi की 2022 Sleep Research में पाया गया कि सर्दियों में लोग औसतन 45 मिनट ज़्यादा सोते हैं। कारण है कम फिजिकल एक्टिविटी, ज़्यादा खाने की आदत और देर से उठना।
🔹 (V) विंटर ब्लूज़ और मानसिक असर
कुछ लोगों में यह सुस्ती “विंटर ब्लूज़” या Seasonal Affective Disorder (SAD) का संकेत होती है।
WHO के अनुसार, हर 10 में से 1 व्यक्ति सर्दियों में “माइल्ड डिप्रेशन” जैसा फील करता है।
🌿 2. आयुर्वेद क्या कहता है। ठंड में शरीर क्यों धीमा पड़ता है

आयुर्वेद के अनुसार सर्दियों में शरीर में “कफ” और “वात” दोष बढ़ते हैं।
यह दोष आलस्य, भारीपन और मानसिक सुस्ती का कारण बनते हैं।
🪶 आयुर्वेदिक दृष्टि से कारण:
अग्नि (Digestive Fire) बढ़ती है → इसलिए नींद और खाने की इच्छा ज़्यादा
वात से शरीर सख्त, जोड़ों में जकड़न
कफ से मन भारी और धीमा
🧘 आयुर्वेदिक उपाय:
सुबह गुनगुने पानी में नींबू या अदरक डालकर पिएं — इससे अग्नि सक्रिय होती है।
तिल या सरसों के तेल से “अभ्यंग” (मालिश) करें — रक्तसंचार और बॉडी वॉर्मथ बढ़ती है।
सूर्योदय से पहले हल्का व्यायाम — कफ संतुलित होता है।
भोजन में तुलसी, अदरक, काली मिर्च ज़रूर शामिल करें।
रात को भारी भोजन न करें — इससे सुबह सुस्ती कम होगी।
☕ 3. सुबह उठने की सुस्ती दूर करने के 5 आसान साइंटिफिक हैक्स

1️⃣ अलार्म नहीं, लाइट का इस्तेमाल करें
जैसे ही आँख खुले, परदे हटाकर सूरज की रोशनी आने दें। अगर सूरज देर से निकलता है, तो “Daylight Lamp” का इस्तेमाल करें।
(WHO की Light Therapy Research के अनुसार, यह मेलाटोनिन कम करता है और मूड ठीक करता है।)
2️⃣ बिस्तर में फोन न देखें
फोन की नीली रोशनी (Blue Light) मस्तिष्क को भ्रमित करती है कि अभी दिन है।
इससे नींद का पैटर्न और बिगड़ता है।
इसके बजाय कुछ मिनटों तक गहरी साँसें लें।
3️⃣ “वॉर्म वॉटर ब्रश अप रूटीन”
ठंडे पानी की जगह गुनगुने पानी से चेहरा और हाथ धोएं। इससे नर्वस सिस्टम जागता है और हार्ट रेट धीरे-धीरे एक्टिव होता है।
4️⃣ स्नान से पहले ड्राय ब्रशिंग या तिल तेल मालिश
इससे शरीर में गर्मी पैदा होती है और ब्लड सर्कुलेशन तेज होता है।
अमेरिकन डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन के अनुसार,
“Dry brushing improves lymphatic drainage and morning alertness.”
5️⃣ सुबह 10 मिनट "सूर्य नमस्कार"

सूर्य नमस्कार सबसे बेहतर “Winter Energizer” है।
यह कफ दोष को कम करता है, शरीर को गर्म और मन को एक्टिव रखता है।
🍵 4. घर के आसान होम रेमेडीज़ जो काम करेंगे।
समस्या | उपाय | सावधानी |
|---|---|---|
सुबह सुस्ती | अदरक-नींबू चाय | खाली पेट बहुत ज़्यादा न पिएँ |
गला सूखना | रात में ह्यूमिडिफ़ायर या पानी का कटोरा रखें | हीटर के पास सीधे न रखें |
त्वचा रूखी | नारियल या तिल का तेल लगाएँ | एलर्जी हो तो स्किन टेस्ट करें |
मूड डाउन | हल्की धूप लें, या बालकनी में ध्यान करें | सुबह की धूप ही लें |
नींद भारी | दिन में झपकी न लें | नाइट टाइम स्क्रीन लिमिट करें |
🧘♀️ 5. सर्दियों के लिए परफेक्ट "Morning Energy Routine" (10 मिनट प्लान)
⏱ Step-by-Step:
बिस्तर में 2 मिनट “दीप ब्रीदिंग” करें। नाक से साँस ले और मुँह से छोड़ें।
गुनगुना पानी या तुलसी-अदरक टी ले ये बॉडी टेम्परेचर को बैलेंस करेगा।
3 सूर्य नमस्कार करे ये मसल्स एक्टिव रखेगा।
10 स्क्वैट्स + 10 जंपिंग जैक करे इससे ब्रेन और बॉडी दोनों का एनर्जाइज हो जाएगा।
सूर्य की रोशनी में 5 मिनट ध्यान (धूप स्नान) इससे विटामिन D और सेरोटोनिन बूस्ट होगा ।
(AIIMS, Delhi: Early sunlight exposure improves sleep and energy by 35% in winter months.)
🚫 क्या न करें (Common Mistakes)
उठते ही फोन स्क्रॉल न करें 📱
देर रात हैवी डिनर न करें 🍛
कमरे में हीटर ज़्यादा देर तक न चलाएँ 🔥
कैफीन पर निर्भर न रहें ☕
पूरे दिन घर के अंदर न रहें — धूप लें ☀️
🌞 अतिरिक्त सावधानियाँ और समाधान
Vitamin D की कमी सर्दियों में सबसे आम होती है। इसे पूरा करने के लिए रोज़ 15–20 मिनट धूप ज़रूर लें।
Hydration कम मत करें। ठंड में प्यास कम लगती है, लेकिन शरीर को नमी चाहिए होती है।
Sleep Hygiene अपनाएँ। एक ही समय पर सोना-उठना।
Positive Routine रखें। हल्का म्यूज़िक, gratitude, या छोटा walk मूड रीसेट करता है।
🙋♀️ FAQs : (आपके मन की बाते)
❓1. सर्दियों में सुबह उठने का मन क्यों नहीं करता?
सर्दियों में सूरज देर से निकलता है जिससे शरीर की सर्कैडियन रिद्म (natural body clock) बदल जाती है।
मेलाटोनिन हार्मोन ज़्यादा समय तक सक्रिय रहता है और नींद लंबी हो जाती है, इसलिए उठना मुश्किल लगता है।
(Source: Harvard Medical School, Sleep Health Division)
❓2. क्या यह आलस है या कोई हेल्थ इश्यू?
हर बार नहीं — कई बार यह शरीर की Thermoregulatory Reaction होती है, यानी शरीर ठंड में एनर्जी बचाने के लिए धीमा पड़ता है।
अगर यह सुस्ती बहुत ज़्यादा समय तक बनी रहे, तो डॉक्टर या स्लीप स्पेशलिस्ट से मिलें।
❓3. आयुर्वेद के अनुसार सर्दियों की सुस्ती का क्या कारण है?
आयुर्वेद कहता है कि इस मौसम में कफ और वात दोष बढ़ जाते हैं।
कफ से भारीपन और नींद बढ़ती है, वात से मन और शरीर सुस्त होते हैं।
अभ्यंग (तेल मालिश), गुनगुना पानी, हल्की धूप और हल्का भोजन कफ-वात संतुलित करते हैं।
(Source: Charaka Samhita, Sushruta Samhita – Hemant Ritucharya)
❓4. क्या कॉफी पीना मदद करता है?
थोड़ी मात्रा में कॉफी सुबह एनर्जी दे सकती है,
लेकिन ज़्यादा कैफीन शरीर की प्राकृतिक नींद-लय को और बिगाड़ देता है।
इसके बजाय अदरक-तुलसी टी या नींबू पानी बेहतर विकल्प हैं।
❓5. सर्दियों में एनर्जी बढ़ाने के घरेलू उपाय क्या हैं?
गुनगुना पानी में शहद और नींबू डालकर पिएँ ☕
हर सुबह 3 सूर्य नमस्कार करें 🌞
धूप में 15 मिनट बिताएँ
तिल या सरसों के तेल से मालिश करें
देर रात स्क्रीन टाइम कम करें
निष्कर्ष: ठंड दुश्मन नहीं, शरीर का सिग्नल है
❓6. क्या यह "विंटर ब्लूज़" का संकेत हो सकता है?
हाँ, अगर मूड लगातार डाउन है, नींद ज़्यादा आ रही है या काम में दिल नहीं लग रहा —
तो यह Seasonal Affective Disorder (SAD) का संकेत हो सकता है।
ऐसे में सुबह की धूप और “Light Therapy” मददगार होती है।
(Source: WHO Mental Health Bulletin, 2023)
❓7. ठंड में शरीर को एक्टिव रखने का बेस्ट टाइम कौन-सा है?
सुबह 7 से 9 बजे के बीच हल्का व्यायाम करें,
जब सूरज की हल्की धूप मिल रही हो।
इस समय शरीर का तापमान भी स्थिर रहता है और मेटाबॉलिज़्म एक्टिव होता है।
❓8. क्या गर्म पानी से नहाना अच्छा है?
हाँ, लेकिन बहुत गर्म पानी नहीं।
AIIMS Dermatology Department के अनुसार —
“बहुत गर्म पानी त्वचा की नमी घटाता है और खुजली बढ़ा सकता है।”
गुनगुना पानी ही सही तापमान है (लगभग 37°C–40°C)।
🌻 निष्कर्ष: ठंड दुश्मन नहीं, शरीर का सिग्नल है
सर्दी आपको रोक नहीं रही बल्कि आपका शरीर कह रहा है,“थोड़ा धीरे चलो, खुद को रीचार्ज करो।”
अगर आप इस प्राकृतिक संकेत को समझ लें और थोड़े बदलाव करें। तो वही ठंडी सुबह आपकी सबसे एनर्जेटिक शुरुआत बन सकती है।
🌞 “ठंड को रोकना नहीं, समझना सीखें तभी शरीर आपका साथ देगा।”
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