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💰 धनतेरस 2025 पर क्या खरीदें जिससे चमकेगी आपकी किस्मत और हैल्थ

प्रकाशित तिथि: 17 अक्टूबर 20255 min read
धनतेरस 2025 के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, क्या खरीदें जिससे चमके किस्मत, और इस दिन की सेहत व धन से जुड़ी रोचक मान्यताएँ जानें।😍 BMI कैलकुलेटर से अपना बॉडी मास इंडेक्स जानें - Click Here 👈

🌟 क्या आप जानते हैं?

धनतेरस को भगवान धन्वंतरि की जयंती कहा जाता है वही देवता जिन्होंने अमृत कलश लेकर समुद्र मंथन से “आरोग्य” का वरदान दिया था। इस दिन सोना-चाँदी ही नहीं, आयुर्वेदिक वस्तुएँ खरीदना भी बेहद शुभ माना जाता है।

2025 में धनतेरस शनिवार के दिन पड़ रही है और ज्योतिष के अनुसार यह दिन आदित्य-मंगल योग से भरपूर रहेगा, जो संपत्ति और स्वास्थ्य दोनों के लिए विशेष फलदायक है।

📝 इस लेख में आप जानेंगे:

  1. धनतेरस 2025 की सटीक तारीख, शुभ मुहूर्त और ग्रह-नक्षत्र योग

  2. क्या खरीदना चाहिए जिससे किस्मत चमक जाए

  3. किसकी पूजा होती है और कैसे करें पूरी विधि से

  4. धनतेरस का स्वास्थ्य और आयुर्वेद से जुड़ा रहस्य

  5. और अंत में – एक प्रेरणादायक संदेश जो जीवन में नई रोशनी लाएगा

🪔 धनतेरस की कहानी — “जब दीप ने भाग्य बदल दिया”

पुरानी कथा है — एक राजा के पुत्र की कुंडली में मृत्यु का योग था। जब वह विवाह कर लौटा, उसी रात यमराज उसके प्राण लेने आए।

परंतु उसकी पत्नी ने दरवाजे पर दीपों की इतनी पंक्तियाँ जला दीं कि चारों ओर रोशनी फैल गई। यमराज जब अंदर आए, तो उस रोशनी और प्रेम से अभिभूत होकर बोले “यह दीपदान और नारी का समर्पण अमर रहेगा।”

तभी से कहा जाने लगा धनतेरस की रौशनी यमराज को भी टाल देती है।

यह सिर्फ “खरीदारी” नहीं जीवन में “उजाला” लाने का दिन है।

📅 धनतेरस 2025 की तारीख और शुभ मुहूर्त (पंचांग के अनुसार)

तारीख: 18 अक्टूबर 2025 (शनिवार)

त्रयोदशी तिथि आरंभ: 18 अक्टूबर, दोपहर 12:18 बजे

समाप्ति: 19 अक्टूबर, दोपहर 1:51 बजे

प्रदोष काल: शाम 5:54 बजे से रात 8:25 बजे तक

पूजा मुहूर्त: शाम 7:29 बजे से 8:20 बजे तक

इस समय लक्ष्मी-कुबेर की पूजा सबसे शुभ मानी जाती है।

स्रोत: भारतीय पंचांग 2025 (DrikPanchang, IndianExpress, Prokerala)

🔮 धनतेरस का ग्रह-नक्षत्र और शुभ योग

2025 की धनतेरस को बनेगा आदित्य-मंगल योग, जो धन और साहस का प्रतीक है।

यह योग विशेष रूप से मेष, कर्क, सिंह, तुला और कुंभ राशि वालों के लिए लाभकारी रहेगा।

नक्षत्र: चित्रा

योग: शुभ और स्थिर

वार: शनिवार (स्थिर लग्न — जिससे खरीदी वस्तु लंबे समय तक टिकती है)

ज्योतिष के अनुसार, इस दिन की गई खरीददारी “दीर्घकालिक सौभाग्य” का संकेत देती है।

💰 धनतेरस पर क्या खरीदें जिससे चमक जाए आपकी किस्मत?

वस्तु क्यों खरीदे इसका प्रभाव

  • सोना या चाँदी स्थायी संपत्ति और देवी लक्ष्मी की कृपा का प्रतीक दीर्घकालिक धन लाभ

  • तांबे या पीतल के बर्तन आरोग्य और शुद्धता का प्रतीक रोगों से रक्षा

  • लक्ष्मी-गणेश मूर्ति पूजा के लिए शुभ घर में सकारात्मक ऊर्जा

  • गोमती चक्र और कौड़ी वास्तु और धन आकर्षण के लिए आर्थिक स्थिरता

  • दीपक / मिट्टी के दीये अंधकार मिटाने का प्रतीक घर में सौभाग्य

  • झाड़ू (नया) दुर्भाग्य हटाने का प्रतीक घर की नेगेटिविटी दूर होती है

  • आयुर्वेदिक औषधि / तुलसी पौधा भगवान धन्वंतरि का प्रतीक स्वास्थ्य में वृद्धि

  • फूड ग्रेन / अनाज समृद्धि और स्थिरता कभी अन्न की कमी नहीं होती

ध्यान रहे — खरीदी वस्तु का उपयोग होना चाहिए, सिर्फ दिखावे के लिए नहीं। जो वस्तु उपयोग में आए, वही शुभता लाती है।

🪙 क्या न खरीदें धनतेरस के दिन

कुछ वस्तुएँ अशुभ मानी जाती हैं:

काले रंग के वस्त्र या वस्तुएँ

लोहे के सामान

पुराने या सेकंड-हैंड सामान

टूटी हुई मूर्तियाँ या बर्तन

कर्ज या उधार की वस्तु

कहते हैं, “धनतेरस पर जो भी वस्तु घर में आती है, वही ऊर्जा पूरे वर्ष देती है।” इसलिए शुद्ध, नई और शुभ वस्तु चुनें।

🙏 धनतेरस पूजा विधि (Step-by-Step)

1. घर की स्वच्छता

पूरे घर, विशेषकर उत्तर दिशा और प्रवेश द्वार को साफ करें। दरवाजे पर रंगोली और दीप जलाएँ।

2. पूजा स्थल सजाएँ

लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएँ, उस पर देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर और धन्वंतरि की मूर्तियाँ रखें।

3. कलश स्थापना

कलश में जल, सुपारी, सिक्का और आम की पत्तियाँ डालें। ऊपर नारियल रखें।

4. दीपक प्रज्वलन

एक दीप घर के मुख्य द्वार और एक दीप दक्षिण दिशा (यमदीप) में जलाएँ।

5. मंत्र जाप

> “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद महालक्ष्म्यै नमः।”

“ॐ श्रीं दुं कुबेराय नमः।”

“ॐ ऐं धन्वंतरये नमः।”

6. आरती और भोग

मिठाई, फल और खील-बताशे अर्पित करें। आरती के बाद परिवार को प्रसाद बाँटें।

7. दीपदान

13 दीप जलाने की परंपरा है — जो यमराज को समर्पित होते हैं, यह दीर्घायु का प्रतीक है।

🌿 स्वास्थ्य और धनतेरस का संबंध

बहुत कम लोग जानते हैं कि धनतेरस सिर्फ “धन” नहीं, बल्कि “धन-आरोग्य” दोनों का पर्व है।

इस दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे, जिन्होंने आयुर्वेद और औषधि विज्ञान का ज्ञान मानव को दिया।

इसलिए यह दिन है:

राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस

स्वास्थ्य जागरूकता का प्रतीक

मानसिक और शारीरिक संतुलन की याद

धनतेरस पर आयुर्वेदिक वस्तुएँ या तुलसी, नीम, हल्दी जैसी जड़ी-बूटियाँ खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है।

यह केवल शरीर नहीं, “जीवन” में भी शुद्धता लाता है।

🌺 धनतेरस के दिन ध्यान रखने योग्य बातें

✅ पूजा से पहले स्नान कर पीले या लाल वस्त्र पहनें।

✅ दक्षिण दिशा में दीप जरूर जलाएँ (यमदीप)।

✅ लक्ष्मी पूजा के बाद तिजोरी या कैश बॉक्स पर सिंदूर से “श्री” लिखें।

✅ बच्चों और बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य दान या औषधि देना श्रेष्ठ कर्म है।

🧠 एक प्रेरक सोच: “धन” का असली अर्थ

धनतेरस हमें याद दिलाता है —

धन केवल सोना नहीं होता, स्वास्थ्य, परिवार, प्रेम और समय भी धन हैं।

अगर इन चारों में संतुलन है, तो आपकी “किस्मत पहले से ही चमक रही है।”

इस धनतेरस पर सिर्फ बाजार नहीं, मन को भी सजाएँ।

एक दीप बाहर जलाएँ — और एक भीतर।

❓ FAQs — धनतेरस से जुड़े आम सवाल

1. धनतेरस 2025 कब है?

18 अक्टूबर 2025, शनिवार को धनतेरस मनाई जाएगी। पूजा का शुभ समय शाम 7:29 से 8:20 बजे तक है।

2. इस दिन किसकी पूजा की जाती है?

देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है।

3. क्या केवल सोना-चाँदी खरीदना ही शुभ है?

नहीं। आप तांबे, पीतल के बर्तन, दीपक, झाड़ू या स्वास्थ्य-संबंधी वस्तुएँ भी खरीद सकते हैं।

4. धनतेरस पर कौन-सी चीज़ नहीं खरीदनी चाहिए?

लोहे का सामान, काले वस्त्र, टूटी मूर्तियाँ या पुरानी चीज़ें खरीदने से बचें।

5. धनतेरस का स्वास्थ्य से क्या संबंध है?

यह भगवान धन्वंतरि की जयंती है, जिन्हें “आयुर्वेद के देवता” कहा गया है। इस दिन शरीर, मन और जीवन में आरोग्य का संकल्प लेना अत्यंत शुभ है।

🌟 निष्कर्ष: इस धनतेरस आपकी किस्मत चमके!

धनतेरस “खरीदारी” का नहीं, “नवीन शुरुआत” का पर्व है। एक दीप जलाइए और संकल्प लीजिए कि आने वाले वर्ष में आप केवल धन ही नहीं, स्वास्थ्य और सकारात्मकता भी संचित करेंगे।

शुभ धनतेरस 2025!

आपके जीवन में रौशनी, आरोग्य और समृद्धि का दीप सदा जलता रहे। 🙏

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