छठ पूजा में क्या खाएं और क्या न खाएं: संतुलित आहार गाइड

अंतिम अपडेट: 11 नवंबर 202520 min read
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छठ महापर्व सिर्फ आस्था का पर्व नहीं, बल्कि यह स्वास्थ्य और अनुशासन की अनूठी यात्रा भी है। चार दिनों तक चलने वाले इस पावन पर्व में 36 घंटे का निर्जला व्रत शरीर और मन दोनों की परीक्षा लेता है। ऐसे में सही आहार का चुनाव न केवल आपकी पूजा को सफल बनाता है, बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी बरकरार रखता है। इस गाइड में हम जानेंगे कि छठ पूजा के दौरान क्या खाना चाहिए, क्या नहीं, और कैसे व्रत की तैयारी से लेकर पारण तक की पूरी यात्रा को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाया जा सके।

छठ पूजा के चार दिनों का आहार चार्ट: दिन-प्रतिदिन गाइड

🌅 पहला दिन: नहाय-खाय – शुद्धि और शुरुआत

छठ पूजा का पहला दिन नहाय-खाय कहलाता है, जिसमें पवित्र स्नान के बाद सात्विक भोजन किया जाता है। इस दिन व्रती सुबह गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करती हैं और घर को पूरी तरह साफ करती हैं। भोजन बनाने के लिए नए या अच्छी तरह धोए हुए बर्तनों का उपयोग करना अनिवार्य है।

नहाय-खाय में बनने वाले मुख्य व्यंजन:

  • कद्दू भात (लौकी भात): कद्दू और चावल को हल्के मसालों के साथ पकाया जाता है, जिसमें केवल सेंधा नमक और देसी घी का उपयोग होता है। कद्दू में फाइबर, विटामिन-ए और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो पाचन को मजबूत करते हैं और व्रत के दौरान जरूरी पोषण देते हैं।​​

  • चना दाल या मूंग दाल: प्रोटीन और कॉम्प्लेक्स कार्ब्स का अच्छा स्रोत, जो शरीर को लंबे समय तक ऊर्जा देता है।​​

  • अरवा चावल: विशेष प्रकार का चावल जो पवित्र माना जाता है।​

महत्वपूर्ण नियम: इस दिन प्याज, लहसुन और किसी भी तरह के मिर्च-मसाले का उपयोग वर्जित है। केवल सेंधा नमक और सात्विक सामग्री का ही प्रयोग करें।

🪔 दूसरा दिन: खरना – संकल्प और तैयारी

खरना छठ पूजा का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है, जिसे लोहंडा भी कहते हैं। इस दिन व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं और शाम को सूर्यास्त के बाद पूजा करके प्रसाद ग्रहण करती हैं। खरना के बाद ही 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत शुरू होता है।​

खरना प्रसाद में क्या बनता है:

1️⃣ गुड़ की खीर (रसिया/रसियाव):
खरना का मुख्य प्रसाद गुड़ और चावल से बनी खीर होती है, जिसे मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी से पकाया जाता है। आम के पेड़ को हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है और इसकी लकड़ी भोजन में सकारात्मक ऊर्जा लाती है।​

बनाने की विधि:

  • 1 कप चावल को धोकर 15-30 मिनट भिगो दें

  • 1 लीटर दूध को उबालें और भिगोए चावल डालें

  • चावल आधे पकने पर 1 कप गुड़ (पानी में घोलकर छान लें) डालें

  • धीमी आंच पर पकाएं और लगातार चलाते रहें

  • गाढ़ा होने पर इलायची पाउडर और सूखे मेवे डालें

  • देसी घी से बर्तन को ग्रीस करें और खीर उतार लें

2️⃣ गेहूं की रोटी या पूड़ी: घी में सेंकी मोटी रोटी जो खीर के साथ ग्रहण की जाती है।​

3️⃣ केला और तुलसी पत्ता: पूजा में चढ़ाने वाली चीजें जो प्रसाद को पूर्ण बनाती हैं।​

स्वास्थ्य लाभ: गुड़ में आयरन, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो व्रत के दौरान ग्लूकोज लेवल बनाए रखते हैं और तुरंत एनर्जी देते हैं। चावल कॉम्प्लेक्स कार्ब्स प्रदान करते हैं जो लंबे समय तक पेट भरा रखते हैं।​

🌇 तीसरा दिन: संध्या अर्घ्य – 36 घंटे की शुरुआत

खरना के बाद व्रती 36 घंटे तक अन्न और जल दोनों का त्याग कर देती हैं। तीसरे दिन शाम को सूर्यास्त के समय नदी या घाट पर सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन ठेकुआ, फल, नारियल, गन्ना और अन्य प्रसाद की सूप (बांस की टोकरी) तैयार की जाती है।​

प्रसाद सामग्री:

  • ठेकुआ: गेहूं के आटे, गुड़ और घी से बना पारंपरिक प्रसाद जो छठ का प्रतीक है​

  • फल: केला, सेब, संतरा, अनार – विटामिन-सी और फाइबर से भरपूर​

  • डाब नींबू: विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट्स का खजाना​

  • नारियल: हेल्दी फैट्स और मिनरल्स से भरपूर​

  • कसार लड्डू: चावल के आटे, गुड़, नारियल और मेवों से बना​

🌄 चौथा दिन: उषा अर्घ्य – व्रत पारण

चौथे दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोला जाता है, जिसे व्रत पारण कहते हैं। इस समय सबसे पहले ठेकुआ और प्रसाद के फल खाकर व्रत तोड़ा जाता है।​

व्रत से पहले शरीर को कैसे तैयार करें: 5 दिन का प्लान

छठ जैसे कठिन व्रत के लिए शरीर को पहले से तैयार करना बेहद जरूरी है। व्रत से 4-5 दिन पहले से ही सही आहार और हाइड्रेशन पर ध्यान देना शुरू करें।​

✅ व्रत से पहले जरूर खाएं ये पौष्टिक फूड्स

1️⃣ सत्तू – प्रोटीन और एनर्जी का पावरहाउस

सत्तू छठ व्रत में सबसे पौष्टिक और एनर्जी देने वाला फूड माना जाता है। प्रोटीन, फाइबर, आयरन और मैग्नीशियम से भरपूर सत्तू शरीर को हाइड्रेट रखता है और थकान नहीं होने देता। सत्तू का शर्बत या बिना चीनी वाला लड्डू व्रत के पहले और बाद में शरीर को तुरंत ताकत देता है।​

कैसे लें: 2-3 बड़े चम्मच सत्तू को पानी, नींबू और थोड़ा गुड़ मिलाकर शर्बत बनाएं। सुबह-शाम पीएं।​

2️⃣ सूखे मेवे – एनर्जी बूस्टर

बादाम, काजू, अखरोट और किशमिश जैसे सूखे मेवे हेल्दी फैट्स, प्रोटीन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। ये व्रत के दौरान शरीर को एनर्जी देते हैं और लंबे समय तक भूख नहीं लगने देते। रोज सुबह 5-6 भीगे बादाम या अखरोट खाने से इम्यूनिटी भी मजबूत होती है।​

3️⃣ नारियल पानी – प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट

छठ पूजा से पहले शरीर को डिटॉक्स और हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है। नारियल पानी पोटैशियम और इलेक्ट्रोलाइट्स का बेहतरीन स्रोत है जो डिहाइड्रेशन से बचाता है और थकान कम करता है। व्रत से 4-5 दिन पहले से रोज 1-2 गिलास नारियल पानी पीना शुरू करें।​

4️⃣ केला – इंस्टेंट एनर्जी

केला पोटैशियम, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत है। व्रत के दौरान यह एनर्जी लेवल बनाए रखता है और पाचन में मदद करता है। केले में मौजूद प्राकृतिक शुगर शरीर को तुरंत ग्लूकोज देती है, जिससे कमजोरी नहीं होती।​

5️⃣ हरी सब्जियां – विटामिन और मिनरल्स

पालक, मेथी, लौकी और तोरी जैसी हरी सब्जियां शरीर को विटामिन-ए, सी और आयरन देती हैं। ये पाचन सुधारती हैं और इम्यूनिटी बढ़ाती हैं ताकि उपवास के दौरान शरीर कमजोर न पड़े। हरी सब्जियां हल्के तेल में उबालकर या सूप की तरह लेना फायदेमंद है।​

6️⃣ दही – पाचन का दोस्त

छठ से पहले डाइट में दही शामिल करने से पाचन मजबूत होता है। इसमें मौजूद प्रोबायोटिक्स आंतों में गुड बैक्टीरिया को एक्टिव रखते हैं और एसिडिटी से बचाते हैं। दही के साथ थोड़ा गुड़ या फल मिलाकर खा सकते हैं।​

7️⃣ चावल और दाल – कॉम्प्लेक्स कार्ब्स

व्रत से पहले का भोजन हल्का लेकिन एनर्जी से भरपूर होना चाहिए। चावल और दाल कॉम्प्लेक्स कार्ब्स और प्रोटीन प्रदान करते हैं जो लंबे समय तक ऊर्जा देते हैं। साथ ही ये पचने में आसान होते हैं।​

💧 हाइड्रेशन प्लान: पानी की कमी न होने दें

36 घंटे के निर्जला व्रत में शरीर को सबसे ज्यादा पानी की जरूरत होती है। व्रत से 4-5 दिन पहले से शरीर का हाइड्रेशन लेवल बढ़ाना शुरू करें। हमारे शरीर को रोज कम से कम 2-3 लीटर पानी की जरूरत होती है। 36 घंटे तक पानी न पीने से डिहाइड्रेशन, सिरदर्द, थकान, चक्कर आना, ब्लड प्रेशर में गिरावट और यूरिन कंसंट्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।​

हाइड्रेशन टिप्स:

  • व्रत से पहले रोज 3-4 लीटर पानी पीएं

  • नारियल पानी या नींबू पानी पीएं – इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस के लिए

  • छाछ या दूध सूर्यास्त से पहले लें – लंबे समय तक हाइड्रेशन

  • बेल का शरबत या फलों का जूस भी फायदेमंद है

छठ पूजा के पारंपरिक व्यंजन और उनके अद्भुत स्वास्थ्य लाभ

🪔 ठेकुआ – छठ का सबसे खास प्रसाद

ठेकुआ के बिना छठ पूजा अधूरी है। गेहूं या चने के आटे, गुड़ और घी से बनी यह पारंपरिक कुकी न केवल स्वादिष्ट है बल्कि सेहत का खजाना भी है।​

ठेकुआ के स्वास्थ्य लाभ:

1. एनीमिया से बचाव: गुड़ में आयरन भरपूर मात्रा में होता है जो शरीर में खून की कमी दूर करता है।​

2. इम्यूनिटी बूस्टर: ठेकुए में मिलाए जाने वाले सूखे मेवे एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन, मिनरल और फाइबर से भरपूर होते हैं। इससे प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है और फ्लू, संक्रमण से बचाव होता है।​

3. पाचन में सुधार: आटा, गुड़ और सूखे मेवे फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर हैं जो लीवर को डिटॉक्स करते हैं और पाचन सुधारते हैं। गैस और कब्ज की समस्या से राहत मिलती है।​

4. इंस्टेंट एनर्जी: गेहूं में विटामिन बी-1, बी-3, ई, कैल्शियम, फास्फोरस जैसे पोषक तत्व होते हैं। गुड़ तुरंत एनर्जी देता है और व्रत के बाद कमजोरी महसूस नहीं होती।​

5. वजन कंट्रोल: पारंपरिक तरीके से बना ठेकुआ (घर में पिसे आटे से) फाइबर से भरपूर होता है जो लंबे समय तक तृप्त रखता है।​

6. बोन हेल्थ: कुछ ड्राई फ्रूट्स कैल्शियम और मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।​

7. सर्दियों से राहत: गुड़ की तासीर गर्म होती है जो सर्दियों में शरीर को ठंड से बचाती है।​

हेल्दी ठेकुआ बनाने के टिप्स:

  • मैदा के बजाय घर में पिसा गेहूं का आटा उपयोग करें

  • चीनी की जगह गुड़ का उपयोग करें

  • रिफाइंड ऑयल के बजाय शुद्ध देसी घी में तलें

  • डायबिटिक मरीज दिन में 2-3 ठेकुआ खा सकते हैं (गुड़ से बना हो तो)​

🥘 कद्दू भात – पाचन और पोषण का संगम

नहाय-खाय के दिन बनने वाला कद्दू भात हल्का, पौष्टिक और पाचन में आसान होता है। कद्दू में फाइबर, विटामिन-ए, बीटा-कैरोटीन और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो पाचन और इम्यूनिटी मजबूत करते हैं। व्रत के दौरान इससे जरूरी पोषण मिल जाता है।​

🍋 डाब नींबू – विटामिन सी का खजाना

छठ पूजा में व्रती लंबे समय तक उपवास रखते हैं और शरीर को ऊर्जा की जरूरत होती है। डाब नींबू (बड़ा नींबू) विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है जो इम्यूनिटी बढ़ाता है और शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालता है।​

🥥 कसार लड्डू – प्रोटीन और मिनरल्स पैक

कसार लड्डू सूखे मेवे, गुड़, नारियल और कभी-कभी कद्दू के बीज या तिल से बनाया जाता है। इनमें प्रोटीन, फाइबर, मिनरल्स और हेल्दी फैट्स भरपूर मात्रा में होते हैं जो शरीर को लंबे समय तक ऊर्जा देते हैं।​

🥛 गुड़ की खीर – एनर्जी और आयरन

खरना प्रसाद की खीर में गुड़ और दूध का संयोजन आयरन, कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर होता है। यह व्रत के बाद शरीर को तुरंत एनर्जी देता है और 36 घंटे के कठिन व्रत के लिए तैयार करता है।​

छठ व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए: वर्जित भोजन की सूची

छठ पूजा के दौरान पूरे घर में सात्विक वातावरण बनाए रखना जरूरी है। कुछ चीजें सख्ती से वर्जित होती हैं जिनका सेवन या स्पर्श भी नहीं करना चाहिए।​

❌ पूरी तरह वर्जित खाद्य पदार्थ

1️⃣ प्याज और लहसुन – तामसिक भोजन

छठ पूजा के दौरान प्याज और लहसुन छूने तक की मनाही है। ये तामसिक भोजन माने जाते हैं जो शरीर में गर्मी और आलस्य पैदा करते हैं। पूरे चार दिनों तक घर में इनका उपयोग नहीं करना चाहिए।​​

2️⃣ मांस, मछली और अंडा

पूरी छठ पूजा के दौरान मांसाहार पूरी तरह वर्जित है। अगर घर में कोई व्रत नहीं भी रख रहा है, तब भी मांसाहार नहीं खाना चाहिए। केवल शुद्ध सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।​

3️⃣ नमक – खरना के बाद पूरी तरह वर्जित

छठ में सबसे खास नियम नमक का है। नहाय-खाय के दिन सेंधा नमक का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन खरना के बाद किसी भी प्रकार का नमक वर्जित है। खरना से लेकर व्रत पारण तक केवल मीठा भोजन किया जाता है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है ताकि गला तरल रहे।​​

4️⃣ तला-भुना और मसालेदार भोजन

व्रत से पहले और बाद में तेल, मसाला, तली-भुनी और कड़ी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। ये डाइजेशन सिस्टम बिगाड़ सकती हैं और एसिडिटी, गैस, ब्लोटिंग की समस्या पैदा कर सकती हैं। व्रत के दौरान पेट को आराम चाहिए होता है।​

5️⃣ चाय, कॉफी और शराब

कैफीन युक्त पेय जैसे चाय और कॉफी से डिहाइड्रेशन हो सकता है और व्रत के दौरान एनर्जी क्रैश हो सकता है। शराब और तंबाकू पूरी तरह वर्जित हैं।​

6️⃣ बाजार का खाना और पैकेज्ड फूड

बाहर का तला-भुना, पैकेज्ड स्नैक्स, प्रोसेस्ड शुगर और जंक फूड से पूरी तरह बचें। केवल घर का बना शुद्ध, सात्विक और बिना प्याज-लहसुन का भोजन ही खाएं।​

⚠️ व्रत खोलते समय न करें ये गलतियां

व्रत के बाद क्या न खाएं:

  • भूलकर भी तामसिक भोजन (प्याज, लहसुन) न खाएं

  • मांस, मछली और अंडे का सेवन न करें

  • एकदम भारी या मसालेदार खाना न खाएं – पेट पर दबाव पड़ता है​

  • तुरंत तला-भुना या जंक फूड न खाएं

  • ज्यादा मात्रा में खाना न खाएं – ओवरईटिंग से बचें​

व्रत खोलने का सही तरीका: पारण विधि

36 घंटे के बिना खाए-पीए रहने के बाद शरीर को धीरे-धीरे और सावधानी से पोषण देना जरूरी है। अचानक भारी या मसालेदार खाना खाने से पाचन बिगड़ सकता है और मतली, उल्टी, पेट दर्द हो सकता है।​

✅ व्रत खोलने का स्टेप-बाय-स्टेप गाइड

स्टेप 1: सबसे पहले तरल पदार्थ

उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद सबसे पहले:

  • गुनगुना पानी – शरीर को धीरे-धीरे रिहाइड्रेट करता है​

  • अदरक और गुड़ का पानी – पाचन में मदद करता है, एनर्जी देता है और ब्लड शुगर स्टेबल करता है​

  • नींबू-चीनी का पानी – इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस करता है​

  • नारियल पानी – खोए हुए इलेक्ट्रोलाइट्स को रिप्लेस करता है​

स्टेप 2: हल्का प्रसाद (30 मिनट बाद)

  • ठेकुआ – गुड़ से बना होने के कारण तुरंत एनर्जी देता है​

  • फल – केला, सेब या पपीता जो पेट पर हल्के होते हैं​

  • गुड़ का पानी या गन्ने का रस – ग्लूकोज लेवल बहाल करता है​

स्टेप 3: हल्का भोजन (1-2 घंटे बाद)

  • चावल की खीर या दलिया – कार्ब्स प्रदान करता है और आसानी से पचता है​

  • खिचड़ी – दाल और चावल का हल्का मिश्रण​

  • सात्विक सब्जियां – हल्के तेल में बनी​

स्टेप 4: सामान्य भोजन पर धीरे-धीरे लौटें

अगले कुछ दिनों तक हल्का और पौष्टिक खाना खाएं। हरी सब्जियां, दाल, फल और दूध को डाइट में शामिल करें।​

🚫 पारण के बाद 48 घंटे तक बचें

व्रत खोलने के बाद कम से कम 2 दिन तक:

  • भारी, तेल-मसाले वाला खाना न खाएं

  • बाहर का खाना अवॉइड करें

  • डीप फ्राइड चीजें न खाएं

  • रिफाइंड फ्लोर (मैदा) से बनी मिठाइयां न खाएं – ब्लोटिंग या मतली हो सकती है​

36 घंटे के निर्जला व्रत के स्वास्थ्य पहलू: विज्ञान क्या कहता है

✅ व्रत के स्वास्थ्य लाभ

1. डिटॉक्सिफिकेशन: जब हम खाना नहीं खाते, तो पाचन तंत्र रेस्ट मोड में आ जाता है और गैस्ट्रिक जूस कम प्रोड्यूस होते हैं। इससे पाचन अंगों को आराम मिलता है और शरीर के टॉक्सिन्स निकलते हैं।​

2. इम्यूनिटी बूस्ट: सूर्य की किरणें विटामिन-डी प्रदान करती हैं जो शरीर में जमा कैल्शियम को एक्टिवेट करता है। इससे शरीर ऊर्जावान बनता है और हड्डियां मजबूत होती हैं। सूर्य की किरणों में फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन को दूर करने की शक्ति होती है।​

3. मानसिक स्वास्थ्य: व्रत और पूजा-पाठ से मेंटल हेल्थ में सुधार होता है। सात्विक जीवन और रचनात्मक क्रियाओं से नकारात्मक ऊर्जा शरीर से बाहर निकलती है।​

4. लंबी उम्र: शोध बताते हैं कि व्रत रखने से गट में मौजूद हेल्दी बैक्टीरिया बढ़ते हैं, जिनमें Christensenella नाम का बैक्टीरिया भी होता है जो लंबी उम्र से जुड़ा है। व्रत से इंसुलिन रेजिस्टेंस, इंफ्लामेशन, हाई बीपी, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है।​

⚠️ सावधानियां और संभावित खतरे

डिहाइड्रेशन का खतरा:

हमारे शरीर को रोज कम से कम 2-3 लीटर पानी की जरूरत होती है। 36 घंटे तक पानी न पीने से गंभीर डिहाइड्रेशन हो सकता है जिसके लक्षण हैं:​

  • सिरदर्द और चक्कर आना

  • थकान और कमजोरी

  • ब्लड प्रेशर में गिरावट

  • गहरे रंग का यूरिन (यूरिन कंसंट्रेशन)

  • इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बिगड़ना

  • गैस और ब्लोटिंग की समस्या

अन्य साइड इफेक्ट्स:

  • सीवियर मतली, उल्टी, दस्त, बुखार, पेट दर्द

  • लो ब्लड शुगर लेवल (खासकर डायबिटिक्स में)

  • हाई या लो ब्लड प्रेशर में अचानक उतार-चढ़ाव

  • लेथार्जी (सुस्ती), क्रैंकिनेस (चिड़चिड़ापन), कब्ज

🚫 इन्हें नहीं रखना चाहिए व्रत

निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों को 36 घंटे का निर्जला व्रत नहीं रखना चाहिए या डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए:​

  • डायबिटीज (टाइप-1 और टाइप-2) – ब्लड शुगर में अचानक गिरावट खतरनाक हो सकती है​

  • हार्ट पेशेंट – ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव​

  • क्रॉनिक किडनी, लंग्स, लिवर डिजीज

  • कैंसर पेशेंट

  • हाइपोग्लाइसीमिया (लो ब्लड शुगर)​

  • गैस्ट्रोइंटेस्टिनल डिसऑर्डर जैसे अल्सर, IBD, सीवियर एसिडिटी​

  • गर्भवती और ब्रेस्टफीडिंग महिलाएं

  • बुजुर्ग जो कमजोर और अंडरवेट हैं

  • सीवियर इंफेक्शन से ग्रस्त लोग​

  • 60 साल से ऊपर की महिलाएं – उन्हें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए​

छठ व्रत के लिए 10 जरूरी टिप्स: स्वस्थ और सुरक्षित व्रत

💧 1. व्रत से पहले हाइड्रेशन बढ़ाएं

व्रत से 4-5 दिन पहले से खूब पानी पीना शुरू करें – रोज 3-4 लीटर। नारियल पानी, नींबू पानी या बेल का शरबत जैसे नेचुरल ड्रिंक्स भी लें। इससे निर्जला व्रत के दौरान शरीर में पानी की कमी कम होगी।​

🥗 2. बैलेंस्ड डाइट लें

खरना के 2 दिन पहले से तला-भुना, मसालेदार खाना न खाएं। इससे शरीर हल्का रहेगा और प्यास की तासीर भी कम होगी। व्रत से पहले कॉम्प्लेक्स कार्ब्स, प्रोटीन, फाइबर, हेल्दी फैट्स से भरपूर भोजन लें।​

😴 3. अच्छी नींद लें

व्रत से एक दिन पहले 7-8 घंटे की नींद जरूर लें ताकि शरीर रिलैक्स और एनर्जेटिक रहे। पूजा की तैयारियों में अक्सर नींद पूरी नहीं हो पाती जिससे शरीर थक जाता है।​

🧘 4. ओवरवर्क से बचें

घाट की सफाई, सजावट, प्रसाद बनाना या पूजा की तैयारी करते वक्त खुद को ओवरवर्क न करें। थोड़ा-थोड़ा काम बांटें और बीच-बीच में आराम करें। व्रत के दौरान कोई भी ज्यादा मेहनत वाला काम न करें।​

🧘‍♀️ 5. ध्यान और प्राणायाम करें

सुबह और शाम कुछ मिनट ध्यान या गहरी सांसों के अभ्यास करें। इससे मन शांत रहेगा और कमजोरी महसूस नहीं होगी। मेंटल हेल्थ उतनी ही जरूरी है जितनी फिजिकल हेल्थ। तनाव और चिंता से एनर्जी जल्दी खत्म हो जाती है।​

🩺 6. डॉक्टर से परामर्श लें

इतना लंबा फास्ट रखने से पहले अपने डॉक्टर से सेहत के बारे में अच्छे से बात कर लें। वो आपकी हेल्थ को देखकर बताएगा कि इस तरह के लंबे फास्ट रखना सेफ है या नहीं। हार्ट, बीपी व शुगर के मरीज व्रत से पहले डॉक्टर से दवाओं की डोज एडजस्ट कराएं।​

🚰 7. शरीर के इशारे सुनें

व्रत के दौरान अपने शरीर के संकेतों को नजरअंदाज न करें। अगर लो ब्लड शुगर, चक्कर आना, हद से ज्यादा कमजोरी या कोई गंभीर परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।​

🌡️ 8. हार्ट, बीपी और शुगर मरीजों के लिए विशेष सावधानियां

  • व्रत के दौरान ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर लेवल चेक करते रहें​

  • शरीर में पानी की कमी न हो इसके लिए खरना के दौरान ज्यादा तरल पदार्थ लें​

  • लेवल ज्यादा है तो खास सावधानी बरतें​

🧼 9. साफ-सफाई का खास ध्यान रखें

छठ पूजा में शुद्धता और पवित्रता सबसे महत्वपूर्ण है। पूजा सामग्री और प्रसाद को छूने से पहले हाथ-पैर अच्छी तरह धोएं। प्रसाद बनाते वक्त कुछ न खाएं। बच्चे कोई चीज झूठा न करें।​​

📿 10. मन में पूरा संकल्प रखें

छठ का व्रत अत्यंत कठिन माना जाता है और इसमें निर्जला व्रत भी शामिल होता है। यदि एक बार संकल्प ले लिया है तो किसी भी हालत में व्रत को बीच में नहीं तोड़ना चाहिए। यह आस्था का व्रत है और इसे पूर्ण समर्पण से निभाना चाहिए। मन में एकदम ठान लीजिए कि हमें ये व्रत श्रद्धा भाव से और शांतिपूर्वक करना है।​​

छठ पूजा के पारंपरिक व्यंजनों की विस्तृत रेसिपीज

🪔 गुड़ की खीर (रसिया) – स्टेप-बाय-स्टेप

सामग्री:

  • चावल – 1 कप (अच्छे से धोकर 30 मिनट भिगोएं)

  • दूध (फुल क्रीम) – 1 लीटर

  • गुड़ – 1 कप (कद्दूकस किया हुआ)

  • घी – 1-2 बड़े चम्मच

  • इलायची पाउडर – 1/2 छोटा चम्मच

  • सूखे मेवे – 2-3 बड़े चम्मच (काजू, बादाम, किशमिश)

  • पानी – 1/2 कप

विधि:

  1. मिट्टी या पीतल के बर्तन में दूध उबालें​

  2. भिगोए हुए चावल डालकर मध्यम आंच पर पकाएं​

  3. बीच-बीच में चलाते रहें ताकि तले में न चिपके​

  4. अलग बर्तन में गुड़ को 1/2 कप पानी में धीमी आंच पर घोलें और छान लें​

  5. जब चावल पूरी तरह पक जाएं और खीर गाढ़ी हो जाए, गैस बंद करें​

  6. दूध थोड़ा ठंडा हो जाए तो गुड़ का सिरप डालें (सीधे गर्म दूध में न डालें नहीं तो दूध फट सकता है)​

  7. इलायची पाउडर और कटे हुए मेवे डालें​

  8. देसी घी डालें – स्वाद और भी रिच हो जाएगा​

टिप्स: मिट्टी के बर्तन में ठंडा करने पर स्वाद दोगुना हो जाता है। आम की लकड़ी पर बनाना सबसे शुभ माना जाता है।​

🍪 ठेकुआ रेसिपी – हेल्दी तरीका

सामग्री (बिना मैदा और चीनी):

  • गेहूं का आटा – 1.5 कप (घर में पिसा हो तो बेहतर)

  • गुड़ (कद्दूकस किया हुआ) – 3/4 कप

  • घी – 3 बड़े चम्मच

  • इलायची पाउडर या सौंफ – 1/2 छोटा चम्मच

  • नारियल का बुरादा – 1/4 कप

  • बादाम या चिया सीड्स – 2 बड़े चम्मच

  • पानी – 2 बड़े चम्मच (आवश्यकतानुसार)

  • चुटकी भर नमक

  • अलसी पाउडर – 1 बड़ा चम्मच (फाइबर के लिए)

विधि:

  1. गुड़ को 2 बड़े चम्मच पानी में धीमी आंच पर पिघलाएं और छान लें

  2. आटा, घी, इलायची/सौंफ, नारियल, मेवे, अलसी पाउडर और नमक मिलाएं

  3. पिघला हुआ गुड़ डालकर सख्त आटा गूंथें

  4. छोटी-छोटी लोइयां (1 इंच) बनाएं और 1/4 इंच मोटी डिस्क में चपटा करें

  5. कांटे से सजावटी पैटर्न बनाएं

  6. बेक करने के लिए: ओवन को 175°C पर प्रीहीट करें, 15-18 मिनट तक बेक करें (बीच में पलटें)​

  7. तलने के लिए: कम तेल में मध्यम आंच पर 3-4 मिनट प्रति साइड तलें​

  8. पूरी तरह ठंडा करें और एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करें – 2 सप्ताह तक चलता है​

हेल्दी वेरिएशंस:

  • ग्लूटेन-फ्री: बादाम का आटा या ओट्स आटा यूज करें

  • वीगन: घी की जगह नारियल तेल और मेपल सिरप यूज करें

  • लो शुगर: गुड़ 1/2 कप करें और स्टेविया मिलाएं

FAQs: छठ पूजा और आहार से जुड़े सवाल-जवाब

Q1. क्या डायबिटिक मरीज छठ व्रत रख सकते हैं?

डायबिटीज के मरीजों को 36 घंटे का निर्जला व्रत रखने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए क्योंकि लंबे समय तक खाना-पीना न करने से ब्लड शुगर अचानक गिर सकता है जो खतरनाक हो सकता है। अगर डॉक्टर की सलाह से व्रत रख रहे हैं तो ब्लड शुगर लेवल नियमित रूप से मॉनिटर करें। गुड़ से बने ठेकुए को दिन में 2-3 ही खाएं।​

Q2. व्रत के दौरान कमजोरी या चक्कर आने पर क्या करें?

अगर व्रत के दौरान सीवियर मतली, उल्टी, चक्कर, लो ब्लड शुगर, हद से ज्यादा कमजोरी या कोई गंभीर परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। शरीर के संकेतों को नजरअंदाज न करें। छठ का व्रत आस्था का व्रत है लेकिन स्वास्थ्य सबसे पहले आता है।​

Q3. क्या खरना के प्रसाद में गुड़ की जगह चीनी इस्तेमाल कर सकते हैं?

नहीं, खरना प्रसाद में केवल गुड़ का ही उपयोग करना चाहिए। गुड़ में आयरन, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो चीनी से बेहतर हैं। गुड़ की मिठास और पवित्रता छठ पूजा का अभिन्न हिस्सा है।​

Q4. क्या छठ व्रत में नारियल पानी पी सकते हैं?

व्रत से पहले और खरना तक नारियल पानी बहुत फायदेमंद है क्योंकि यह इलेक्ट्रोलाइट्स और पोटैशियम से भरपूर होता है। लेकिन खरना के बाद 36 घंटे निर्जला व्रत में कुछ भी पीना वर्जित है – न पानी, न नारियल पानी, कुछ नहीं।​

Q5. क्या ठेकुआ वजन घटाने के लिए अच्छा है?

पारंपरिक तरीके से बना ठेकुआ (घर में पिसे गेहूं के आटे और गुड़ से) फाइबर से भरपूर होता है और वजन कंट्रोल में मदद कर सकता है। लेकिन यह कैलोरी में ज्यादा होता है (गुड़ और घी के कारण) इसलिए सीमित मात्रा में ही खाएं। मैदा और चीनी से बना ठेकुआ वजन बढ़ा सकता है इसलिए अवॉइड करें।​

Q6. खरना के दिन पूरे दिन निर्जला उपवास कितने घंटे का होता है?

खरना के दिन सुबह से लेकर शाम तक लगभग 12-14 घंटे का निर्जला उपवास रखा जाता है। शाम को सूर्यास्त के बाद खरना प्रसाद खाकर व्रत खोलते हैं। उसके बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होता है जो उषा अर्घ्य के बाद ही खुलता है।​

Q7. क्या 60 साल से ऊपर की महिलाओं को छठ व्रत रखना चाहिए?

60 साल से ऊपर की कमजोर या अंडरवेट महिलाओं को 36 घंटे का निर्जला व्रत नहीं रखना चाहिए। अगर फिर भी रखना चाहती हैं तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और विशेष सावधानी बरतें। व्रत से पहले हाइड्रेशन बहुत अच्छा रखें और व्रत के दौरान शरीर की सुनें।​

Q8. क्या प्रेग्नेंट महिलाएं छठ व्रत रख सकती हैं?

नहीं, गर्भवती और ब्रेस्टफीडिंग महिलाओं को 36 घंटे का निर्जला व्रत नहीं रखना चाहिए। इस समय शरीर को पर्याप्त पोषण और हाइड्रेशन की जरूरत होती है जो लंबे उपवास से पूरी नहीं हो सकती। वे पूजा में शामिल हो सकती हैं लेकिन व्रत से बचें।​

निष्कर्ष: आस्था के साथ स्वास्थ्य का संगम

छठ महापर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि शारीरिक अनुशासन, मानसिक शुद्धि और पारंपरिक ज्ञान का अनूठा संगम है। 36 घंटे का निर्जला व्रत सच में एक कठिन परीक्षा है, लेकिन सही आहार योजना, पर्याप्त तैयारी और सावधानी से इसे सुरक्षित और स्वस्थ तरीके से पूरा किया जा सकता है।​

याद रखें:

  • व्रत से 4-5 दिन पहले से शरीर को तैयार करना शुरू करें​

  • हाइड्रेशन सबसे महत्वपूर्ण है – खूब पानी पीएं​

  • सात्विक, पौष्टिक और हल्का भोजन करें​

  • प्याज, लहसुन, मांसाहार से दूर रहें​

  • व्रत खोलने के बाद धीरे-धीरे सामान्य भोजन पर लौटें​

  • शरीर के संकेतों को नजरअंदाज न करें​

  • अगर कोई गंभीर बीमारी है तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें​

छठ पूजा की सच्ची खूबसूरती इसकी सादगी, पवित्रता और प्रकृति से जुड़ाव में है। सूर्य की पहली किरण से मिलने वाली विटामिन-डी, प्राकृतिक डिटॉक्सिफिकेशन और इम्यूनिटी बूस्ट इस पर्व को विज्ञान और आस्था दोनों से मान्यता देते हैं। पारंपरिक व्यंजन जैसे ठेकुआ, गुड़ की खीर, कद्दू भात न केवल स्वादिष्ट हैं बल्कि पोषण से भरपूर भी हैं।​

तो इस बार छठ महापर्व मनाते समय अपनी आस्था के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य का भी पूरा ख्याल रखें। सही आहार, पर्याप्त आराम और सकारात्मक मानसिकता के साथ यह पावन व्रत आपको शारीरिक और आध्यात्मिक दोनों रूप से ऊर्जावान बनाएगा। छठी मैया और सूर्य देव का आशीर्वाद आप सभी पर बना रहे! 🙏🌅​

अपनी सेहत का ख्याल रखें, खुश रहें, और छठ महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं! ✨🪔

लेखक के बारे में ✍️मणि रंजन अम्बष्‍ठस्वास्थ्य और जीवनशैली विषयों पर विश्वसनीय और शोध आधारित जानकारी साझा करने वाले विशेषज्ञ लेखक।

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