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बच्चों में हार्ट डिजीज बढ़े? AIIMS रिपोर्ट - 25% बढ़े केसेस, कारण और समाधान

20 अगस्त 20257 min read
बच्चों की हार्ट हेल्थ – AIIMS रिपोर्ट और डॉक्टरों की सलाह

AIIMS की नई रिपोर्ट ने एक चौंकाने वाला तथ्य सामने रखा है - हर साल भारत में 2.4 लाख बच्चे हृदय रोगों से प्रभावित होते हैं। और यह आंकड़ा हर साल 25% की दर से बढ़ रहा है।

📝 इस गाइड में माता-पिता जानेंगे:

  • बच्चों में हार्ट प्रॉब्लम्स के प्रमुख कारण
  • AIIMS डॉक्टर्स द्वारा बताई गई चेतावनी के संकेत
  • लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव
  • डाइट और एक्सरसाइज टिप्स
  • कब और किस डॉक्टर से मिलें?

कार्डियोलॉजिस्ट्स का मानना है कि यह सिर्फ एक मेडिकल इश्यू नहीं है - यह आने वाली पीढ़ी के लिए एक गंभीर हेल्थ इमर्जेंसी है, जिस पर तुरंत ध्यान देना जरूरी है।

बच्चों में हार्ट प्रॉब्लम क्यों बढ़ रही है? (डॉक्टर की राय)

डॉ. रमाकांत पांडे (कार्डियोलॉजिस्ट, AIIMS) बताते हैं कि बच्चों में हार्ट प्रॉब्लम्स के मुख्य कारण ये हैं:

1. अनहेल्दी डाइट – जंक फूड और कोल्ड ड्रिंक्स बच्चों के दिल की नसों पर सीधा असर डालते हैं।

2. फिजिकल एक्टिविटी की कमी – WHO की गाइडलाइन कहती है कि बच्चों को रोज़ कम से कम 60 मिनट एक्टिव रहना चाहिए, लेकिन आज 70% बच्चे स्क्रीन पर समय बिताते हैं।

3. ओबेसिटी और हाई BP – American Heart Association (AHA) की रिपोर्ट के अनुसार मोटापे से ग्रस्त बच्चों में हार्ट अटैक का रिस्क तीन गुना तक बढ़ जाता है।

4. जेनेटिक कारण – जिन परिवारों में पहले से हार्ट डिजीज है, वहां बच्चों के प्रभावित होने की संभावना अधिक है।

5. स्ट्रेस और नींद की कमी – AIIMS के डॉक्टर मानते हैं कि आजकल छोटे बच्चे भी एग्जाम स्ट्रेस और स्क्रीन टाइम की वजह से नींद पूरी नहीं ले पाते, जिससे हार्ट हेल्थ कमजोर होती है।

शुरुआती लक्षण (जिन्हें नज़रअंदाज़ न करें)

  • खेलते समय सांस फूलना
  • धड़कन का तेज़ या असामान्य होना
  • बार-बार सिरदर्द और थकान
  • छाती में दर्द या चुभन
  • अचानक वजन बढ़ना
डॉ. आस्था शर्मा (पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट, फोर्टिस हॉस्पिटल) कहती हैं – "अगर बच्चा बार-बार थकान या चेस्ट पेन की शिकायत करता है, तो पेरेंट्स को इसे 'सामान्य कमजोरी' समझकर इग्नोर नहीं करना चाहिए। तुरंत जांच जरूरी है।"

डॉक्टरों की सलाह – बच्चों की हार्ट हेल्थ कैसे बचाएँ?

1. 🍎 हेल्दी डाइट

American Heart Association सलाह देती है कि बच्चों की प्लेट में रोजाना 2–3 कप सब्जियाँ, 2 फल और हाई-फाइबर डाइट जरूर शामिल हो।

2. 📱 स्क्रीन टाइम कम करें

WHO के अनुसार बच्चों को 2 घंटे से ज्यादा स्क्रीन टाइम नहीं देना चाहिए।

3. 🏃‍♂️ फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएँ

रोज़ 45 मिनट की एक्टिविटी हार्ट हेल्थ को 60% बेहतर बनाती है (AIIMS स्टडी)।

4. 🩺 नियमित चेकअप

हर साल बच्चों का ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल टेस्ट कराना जरूरी है। Congenital Heart Disease वाले बच्चों के लिए स्पेशल कार्डियक फॉलोअप ज़रूरी है।

5. 🧠 मेंटल हेल्थ का ख्याल

डॉक्टर मानते हैं कि खुशहाल और तनाव-मुक्त बचपन हार्ट को भी हेल्दी रखता है।

इलाज और समाधान (Treatment Options)

Congenital Heart Defect (जन्मजात रोग) – AIIMS के डेटा के अनुसार भारत में हर साल करीब 2 लाख बच्चे जन्मजात हार्ट डिजीज के साथ पैदा होते हैं। इनमें से ज्यादातर का सफल इलाज सर्जरी या स्पेशल ट्रीटमेंट से संभव है।

लाइफस्टाइल से जुड़ी प्रॉब्लम्स – मोटापा, हाई BP और कोलेस्ट्रॉल को सिर्फ डाइट और एक्टिविटी से रोका जा सकता है।

सही समय पर डायग्नोसिस – डॉक्टरों का कहना है कि अगर 5–10 साल की उम्र में हार्ट प्रॉब्लम का समय पर पता चल जाए, तो 80% बच्चों की जान बचाई जा सकती है।

🚨 डॉक्टरों की चेतावनी

डॉ. संजय गुप्ता (कार्डियोलॉजिस्ट, Apollo Hospital) कहते हैं – "बच्चों के दिल को लेकर पेरेंट्स को उतनी ही गंभीरता रखनी चाहिए जितनी उनकी पढ़ाई या करियर को लेकर रखते हैं। आज अगर हम उनकी लाइफस्टाइल नहीं बदलेंगे, तो कल हमें पछताना पड़ेगा।"

💪 प्रेरणादायक निष्कर्ष

AIIMS और WHO दोनों ही मानते हैं कि बच्चों की हार्ट प्रॉब्लम्स में 80% केस सिर्फ सही लाइफस्टाइल से रोके जा सकते हैं।

डॉक्टरों की राय साफ है – बच्चों के दिल की सेहत पेरेंट्स की जिम्मेदारी है।

आज अगर हम उन्हें हेल्दी डाइट, आउटडोर एक्टिविटी और तनाव-मुक्त माहौल दें, तो उनका बचपन न सिर्फ खुशहाल बल्कि मजबूत दिल वाला होगा।

याद रखिए – डॉक्टर इलाज दे सकते हैं, लेकिन असली रोकथाम केवल आपके घर से शुरू होती है।

❓ बच्चों के हार्ट हेल्थ से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल (FAQs)

प्रश्न 1: क्या 5 साल के बच्चे को भी हार्ट अटैक हो सकता है?

उत्तर: हां, हो सकता है। AIIMS के डेटा के अनुसार 5-12 साल के बच्चों में भी हार्ट अटैक के केसेस आए हैं। मुख्य कारण हैं – जन्मजात हार्ट डिफेक्ट, गंभीर मोटापा, फैमिली हिस्ट्री और वायरल इन्फेक्शन। डॉक्टर कहते हैं कि अगर बच्चा खेलते समय सांस फूलता है या छाती में दर्द की शिकायत करता है, तो तुरंत कार्डियोलॉजिस्ट से मिलें।

प्रश्न 2: बच्चे को कितनी देर एक्सरसाइज करनी चाहिए?

उत्तर: WHO और American Heart Association के अनुसार:

  • 5-17 साल के बच्चे: रोज़ाना कम से कम 60 मिनट फिजिकल एक्टिविटी
  • 2-5 साल के बच्चे: दिन भर में कुल 3 घंटे एक्टिव रहना
  • बेस्ट एक्टिविटीज: साइक्लिंग, स्विमिंग, दौड़ना, क्रिकेट, फुटबॉल

AIIMS की रिसर्च कहती है कि रोज़ाना 45 मिनट एक्टिविटी करने वाले बच्चों में हार्ट प्रॉब्लम का रिस्क 70% तक कम होता है।

प्रश्न 3: कौन सा खाना बच्चों के दिल के लिए सबसे खराब है?

उत्तर: डॉक्टरों के अनुसार ये चीजें बच्चों के हार्ट के लिए सबसे हानिकारक हैं:

  • ट्रांस फैट वाले फूड: पैकेट वाले बिस्कुट, चिप्स, फास्ट फूड
  • हाई सोडियम: अचार, चटनी, इंस्टेंट नूडल्स (2300mg से ज्यादा सोडियम खतरनाक)
  • शुगर ड्रिंक्स: कोल्ड ड्रिंक, पैकेट जूस (एक कैन कोक = 10 चम्मच चीनी)
  • प्रोसेस्ड मीट: सॉसेज, न्यूगेट्स, बर्गर पैटी

प्रश्न 4: बच्चे की हार्ट जांच कब और कैसे कराएं?

उत्तर: पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट्स की सलाह:

  • नियमित जांच: हर साल BP और कोलेस्ट्रॉल चेक कराएं
  • इमरजेंसी जांच: अगर ये लक्षण दिखें तो 48 घंटे में डॉक्टर से मिलें
  • टेस्ट्स: ECG, Echo, Chest X-ray, Blood Test
  • कॉस्ट: सरकारी अस्पताल में 500-2000 रुपए, प्राइवेट में 3000-8000 रुपए

प्रश्न 5: क्या जेनेटिक हार्ट डिजीज को रोका जा सकता है?

उत्तर: पूरी तरह रोकना मुश्किल है, लेकिन डॉक्टर कहते हैं कि 60-70% केसेस में सही लाइफस्टाइल से गंभीरता को कम किया जा सकता है। अगर फैमिली में हार्ट डिजीज की हिस्ट्री है, तो:

  • जन्म से ही हार्ट स्क्रीनिंग कराएं
  • हर 6 महीने में चेकअप कराएं
  • अतिरिक्त सावधानी बरतें – हेल्दी डाइट, एक्सरसाइज, स्ट्रेस फ्री एनवायरनमेंट

प्रश्न 6: क्या स्क्रीन टाइम से वाकई हार्ट प्रॉब्लम होती है?

उत्तर: हां, और ये कैसे:

  • फिजिकल इनएक्टिविटी: लंबे समय बैठना → मोटापा → हार्ट प्रेशर बढ़ता है
  • नींद की कमी: स्क्रीन की ब्लू लाइट → नींद में परेशानी → हार्ट रेट बढ़ता है
  • स्ट्रेस हार्मोन: गेम्स और सोशल मीडिया → कॉर्टिसोल बढ़ता है → BP बढ़ता है

डॉक्टरों की सलाह: बच्चों को दिन में अधिकतम 2 घंटे स्क्रीन टाइम दें।

प्रश्न 7: अगर बच्चे को हार्ट डिजीज हो जाए तो क्या करें?

उत्तर: पैनिक न करें, आजकल 85-90% बच्चे सही इलाज से ठीक हो जाते हैं:

  • तुरंत कार्डियोलॉजिस्ट से मिलें – AIIMS, PGI, Fortis जैसे अस्पतालों में बेहतर सुविधा
  • सेकंड ओपिनियन लें – खासकर सर्जरी के लिए
  • इन्श्योरेंस क्लेम करें – आयुष्मान भारत में बच्चों का हार्ट ऑपरेशन कवर होता है
  • सपोर्ट ग्रुप से जुड़ें – Hridaya Foundation, Child Heart Foundation जैसी संस्थाएं मदद करती हैं

प्रश्न 8: बच्चों के लिए कौन सा योगासन हार्ट के लिए बेस्ट है?

उत्तर: पीडियाट्रिक एक्सपर्ट्स की सलाह पर ये आसान योगासन:

  • बच्चों के लिए (5-12 साल): वृक्षासन, तितली आसन, भ्रामरी प्राणायाम (5-10 मिनट)
  • टीनएजर्स के लिए (13+ साल): सूर्य नमस्कार, अनुलोम-विलोम, कपालभाति (15-20 मिनट)
  • फायदा: हार्ट रेट कंट्रोल, BP स्टेबल, स्ट्रेस कम

🚨 Emergency Warning Signs

अगर बच्चे में ये लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं:

  • छाती में तेज़ दर्द या दबाव
  • सांस लेने में दिक्कत या घुटन
  • बेहोशी या चक्कर आना
  • होंठ या नाखून नीले पड़ना
  • दिल की धड़कन अचानक बहुत तेज़ या धीमी होना

📢 HealthyRaho Parents Challenge

  • 👉 अगले 30 दिन अपने बच्चे के साथ रोज़ 30 मिनट आउटडोर एक्टिविटी करें
  • 👉 जंक फूड की जगह घर का बना हेल्दी स्नैक दें
  • 👉 स्क्रीन टाइम को 2 घंटे से कम रखें
  • 👉 अपना अनुभव शेयर करें #HealthyRaho.in के साथ

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