HealthyRaho Logo

जितिया व्रत 2025: फायदे, नुकसान और हेल्थ टिप्स

11 सितंबर 20254 min read
जितिया व्रत 2025

सोचिए, एक माँ भूखी-प्यासी बैठी है, लेकिन चेहरे पर सुकून है—क्योंकि उसके उपवास से बच्चे की उम्र लंबी और जीवन सुरक्षित होगा। यही है जितिया व्रत (Jivitputrika Vrat) का महत्व। यह परंपरा माताओं के त्याग, प्रेम और आस्था का प्रतीक है।

📝 इस लेख में आप जानेंगे:

  • जितिया व्रत 2025 की सही तिथि और महत्व
  • उपवास से मिलने वाले फायदे और संभावित नुकसान
  • व्रत रखने वाली माताओं के लिए ज़रूरी हेल्थ टिप्स
  • उपवास तोड़ने के सही तरीके
  • जितिया व्रत से जुड़े FAQs (सामान्य सवाल-जवाब)

जितिया व्रत 2025: तिथि और महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार, अश्विन माह की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को जितिया व्रत रखा जाता है। 2025 में इसकी तिथियाँ इस प्रकार हैं:

  • नहाय-खाय: 13 सितंबर 2025 (शनिवार)
  • निर्जला उपवास (मुख्य व्रत): 14 सितंबर 2025 (रविवार)
  • पारण (व्रत तोड़ना): 15 सितंबर 2025 सुबह

यह व्रत बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल में खास तौर पर मनाया जाता है। माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए निर्जला (बिना जल) उपवास करती हैं।

धार्मिक पौराणिक कथा

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जितिया व्रत की शुरुआत जीवितपुत्रिका व्रत कथा से जुड़ी है। कथा में आता है कि एक बार कई महिलाएं नदी में स्नान कर रही थीं। तभी वहाँ भगवान सूर्य का पुत्र जमदग्नि आया और महिलाओं को व्रत का महत्व समझाया।

माना जाता है कि जिसने इस व्रत को पूरे नियम से किया, उसकी संतान का जीवन हर संकट से बचा। यही कारण है कि आज भी लाखों माताएं यह व्रत पूरे श्रद्धा से करती हैं।

स्वास्थ्य की नज़र से जितिया व्रत: फायदे और नुकसान

✅ फायदे (Benefits)

  • डिटॉक्स इफेक्ट – उपवास पाचन तंत्र को आराम देता है और शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने में मदद करता है।
  • मानसिक शांति – प्रार्थना और ध्यान से तनाव कम होता है और मन शांत रहता है।
  • अनुशासन और आत्म-नियंत्रण – कठिन उपवास मानसिक दृढ़ता और संयम सिखाता है।
  • इम्युनिटी एक्टिवेशन – Journal of Fasting Studies (2022) के अनुसार शॉर्ट-टर्म फास्टिंग से इम्युनिटी बूस्ट हो सकती है।
  • पारिवारिक बंधन मजबूत – इस व्रत में पूरा परिवार मां की आस्था और त्याग का सम्मान करता है।

❌ नुकसान (Risks / Losses)

  • डिहाइड्रेशन – बिना पानी के उपवास से शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो सकती है।
  • लो ब्लड शुगर – डायबिटीज़ या ब्लड प्रेशर वाली महिलाओं को कमजोरी और चक्कर आ सकते हैं।
  • अत्यधिक थकान – बिना खाना-पानी शरीर को सुस्त और कमजोर बना देता है।
  • गर्भवती/स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए जोखिम – माँ और बच्चे दोनों की सेहत पर असर पड़ सकता है।
  • किडनी/हृदय रोगियों के लिए खतरा – लंबे निर्जला उपवास से गंभीर जटिलताएँ हो सकती हैं।

👉 महत्वपूर्ण फैक्ट: मेडिकल एक्सपर्ट्स मानते हैं कि 8–10 घंटे से ज्यादा निर्जला रहना शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

माताओं के लिए हेल्थ टिप्स

  • व्रत से पहले दिन भर खूब पानी, नारियल पानी और तरल पदार्थ लें।
  • एक दिन पहले हल्का और पौष्टिक भोजन (जैसे खिचड़ी, दही-चावल, फल) खाएं।
  • व्रत के दौरान थकान लगे तो आराम करें और भारी काम न करें।
  • बीमार महिलाएं डॉक्टर की सलाह लिए बिना व्रत न रखें।
  • अगर स्वास्थ्य अनुमति न दे तो फलाहार या संकल्प उपवास कर सकती हैं।

उपवास तोड़ते समय क्या खाएं?

  • सबसे पहले गुनगुना पानी या नारियल पानी पिएं।
  • हल्के फल जैसे केला, पपीता, मौसमी लें।
  • खजूर और दूध से तुरंत एनर्जी मिलती है।
  • थोड़ी देर बाद हल्की खिचड़ी या दलिया खाएं।
  • तैलीय, मसालेदार या जंक फूड से बचें।

FAQs – जितिया व्रत से जुड़े सवाल

Q1. क्या जितिया व्रत में पानी पी सकते हैं?
👉 परंपरागत रूप से यह निर्जला व्रत है, लेकिन स्वास्थ्य बिगड़ने पर पानी ज़रूरी है।

Q2. क्या गर्भवती महिलाएं यह व्रत रख सकती हैं?
👉 नहीं, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को यह व्रत नहीं रखना चाहिए।

Q3. इसका वैज्ञानिक कारण क्या है?
👉 उपवास डिटॉक्स और मानसिक शांति में मदद करता है, लेकिन निर्जला उपवास शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है।

Q4. अगर पूरा दिन व्रत न रख पाएं तो?
👉 फलाहार या संकल्प उपवास भी कर सकते हैं। धर्म में भावना सबसे महत्वपूर्ण है।

Q5. क्या पुरुष भी रख सकते हैं?
👉 परंपरा महिलाओं से जुड़ी है, लेकिन आजकल कई पुरुष भी संकल्प उपवास करते हैं।

प्रेरणादायक संदेश

जितिया व्रत सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, यह माँ के प्रेम और त्याग की गवाही है। लेकिन याद रखें—स्वास्थ्य सबसे बड़ा व्रत है। यदि शरीर अनुमति न दे तो संकल्प और प्रार्थना भी उतनी ही प्रभावशाली होती है।

👉 HealthyRaho.in का संदेश: परंपरा और स्वास्थ्य का संतुलन सबसे ज़रूरी है।

ज़रूर पढ़ें

शेयर करें:
जितिया व्रत 2025: फायदे, नुकसान और ज़रूरी हेल्थ टिप्स